वोल्फ-किशनर अपचयन: Difference between revisions
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जब ऐल्डिहाइड या कीटोन को हाइड्रॉजीन और सोडियम ऐथॉक्साइड के साथ 453 K ताप पर गर्म किया जाता है। तब N2 , गैस निकल जाती है. तथा ऐल्केन बनती है, यह अभिक्रिया वोल्फ किश्नर अपचयन कहलाती है। | जब ऐल्डिहाइड या कीटोन को हाइड्रॉजीन और सोडियम ऐथॉक्साइड के साथ 453 K ताप पर गर्म किया जाता है। तब N2 , गैस निकल जाती है. तथा ऐल्केन बनती है, यह अभिक्रिया वोल्फ किश्नर अपचयन कहलाती है। | ||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* वोल्फ-किशनर अपचयन क्या है ? समझाइये। | |||
* वोल्फ-किशनर अपचयन अभिक्रिया लिखिए। |
Revision as of 13:14, 6 May 2024
ऐल्डिहाइड एवं कीटोन का कार्बोनिल समूह हाइड्रैजीन के साथ अभिक्रिया करने के बाद एथिलीन ग्लाइकॉल जैसे उच्च कथ्नांक वाले विलायक में सोडियम या पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड के साथ गर्म करने पर C =O समूह -CH2 समूह में परिवर्तित जाता है।
जब ऐल्डिहाइड या कीटोन को हाइड्रॉजीन और सोडियम ऐथॉक्साइड के साथ 453 K ताप पर गर्म किया जाता है। तब N2 , गैस निकल जाती है. तथा ऐल्केन बनती है, यह अभिक्रिया वोल्फ किश्नर अपचयन कहलाती है।
अभ्यास प्रश्न
- वोल्फ-किशनर अपचयन क्या है ? समझाइये।
- वोल्फ-किशनर अपचयन अभिक्रिया लिखिए।