इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान आवेश अनुपात: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

No edit summary
No edit summary
 
Line 2: Line 2:


=== इलेक्ट्रॉन ===
=== इलेक्ट्रॉन ===
इलेक्ट्रान ऋणात्मक वैद्युत आवेश युक्त मूलभूत अवपरमाण्विक कण है, इन्हे e से प्रदर्शित करते हैं। इलेक्ट्रान में कण और तरंग दोनों प्रकार के गुण विधमान होते हैं इस लिए कुछ वैज्ञानिक इसे कण मानते हैं और कुछ तरंग। इलेक्ट्रॉन को प्रायः एक मूलभूत कण माना जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1<math>\times</math>10<sup>-31</sup> होता है। इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ चक्कर लगाता रहता है। सन 1830 में माइकेल फैराडे ने सर्वप्रथम यह दर्शाया कि यदि किसी विलयन में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है, तो इलेक्ट्रोडों पर रसायनिक अभिक्रियाएं होती हैं, जिनके परिणाम स्वरुप इलेक्ट्रोडों पर पदार्थ का विसर्जन और निक्षेपण होता है।
[[इलेक्ट्रान उत्सर्जन|इलेक्ट्रान]] ऋणात्मक वैद्युत आवेश युक्त मूलभूत अवपरमाण्विक कण है, इन्हे e से प्रदर्शित करते हैं। इलेक्ट्रान में कण और तरंग दोनों प्रकार के गुण विधमान होते हैं इस लिए कुछ वैज्ञानिक इसे कण मानते हैं और कुछ तरंग। इलेक्ट्रॉन को प्रायः एक मूलभूत कण माना जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.1<math>\times</math>10<sup>-31</sup> होता है। इलेक्ट्रॉन [[नाभिक]] के चारों तरफ चक्कर लगाता रहता है। सन 1830 में माइकेल फैराडे ने सर्वप्रथम यह दर्शाया कि यदि किसी [[विलयन]] में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है, तो इलेक्ट्रोडों पर रसायनिक अभिक्रियाएं होती हैं, जिनके परिणाम स्वरुप इलेक्ट्रोडों पर पदार्थ का विसर्जन और [[निक्षेपण प्रक्रम|निक्षेपण]] होता है।


* जे जे थॉमसन ने कैथोड किरणों के वैधुत एवं चुंबकीय क्षेत्र में विक्षेपन से e/m अर्थात आवेश/ द्रव्यमान का मान ज्ञात किया, जिसमे e/m का मान कूलम्ब प्रति ग्राम प्राप्त हुआ।  
* जे जे थॉमसन ने कैथोड किरणों के वैधुत एवं चुंबकीय क्षेत्र में विक्षेपन से e/m अर्थात आवेश/ द्रव्यमान का मान ज्ञात किया, जिसमे e/m का मान कूलम्ब प्रति ग्राम प्राप्त हुआ।  
* वैधुत क्षेत्र में इलेक्ट्रान एक परवलयाकार पथ बनाता है जोकि दिया गया है:<blockquote>y = <math>\frac{eE x^2}{2mv^2}</math> जहाँ  e = इलेक्ट्रॉन पर आवेश m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान v = इलेक्ट्रॉन का वेग x = दो प्लेटों के बीच की दूरी जिनमें इलेक्ट्रॉन गमन कर रहा है E = वैधुत क्षेत्र y = y- अक्ष पर इलेक्ट्रॉन के पथ पर विक्षेपण</blockquote>
* वैधुत क्षेत्र में इलेक्ट्रान एक परवलयाकार पथ बनाता है जोकि दिया गया है:<blockquote>y = <math>\frac{eE x^2}{2mv^2}</math>   जहाँ  e = इलेक्ट्रॉन पर आवेश   m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान   v = इलेक्ट्रॉन का वेग   x = दो प्लेटों के बीच की दूरी जिनमें इलेक्ट्रॉन गमन कर रहा है   E = वैधुत क्षेत्र   y = y- अक्ष पर इलेक्ट्रॉन के पथ पर विक्षेपण</blockquote>


<blockquote>
<blockquote>
Line 26: Line 26:
=−1.7588)×10<sup>11</sup> C⋅kg<sup>−1</sup></blockquote>'''नोट'''  
=−1.7588)×10<sup>11</sup> C⋅kg<sup>−1</sup></blockquote>'''नोट'''  


डिस्चार्ज ट्यूब में e /m का मान गैस और इलेक्ट्रोड के पदार्थ पर  निर्भर नहीं करता, यह हमेशा समान होता है।
डिस्चार्ज ट्यूब में e /m का मान गैस और इलेक्ट्रोड के [[पदार्थ]] पर  निर्भर नहीं करता, यह हमेशा समान होता है।


== अभ्यास प्रश्न ==
== अभ्यास प्रश्न ==
Line 33: Line 33:


# इलेक्ट्रॉन का e/m अनुपात जे.जे. थॉमसन द्वारा निर्धारित किया गया था।
# इलेक्ट्रॉन का e/m अनुपात जे.जे. थॉमसन द्वारा निर्धारित किया गया था।
# कैथोड किरणों के लिए आवेश/द्रव्यमान अनुपात न्यूनतम होता है जब निस्सरण नली में गैस हाइड्रोजन होती है।
# कैथोड किरणों के लिए आवेश/द्रव्यमान अनुपात न्यूनतम होता है जब निस्सरण नली में गैस [[हाइड्रोजन]] होती है।
# कैथोड किरणें एनोड किरणों से भिन्न है।
# कैथोड किरणें एनोड किरणों से भिन्न है।
# कैथोड किरणें धन प्लेट से उत्सर्जित होती हैं।
# कैथोड किरणें धन प्लेट से उत्सर्जित होती हैं।

Latest revision as of 06:52, 11 May 2024


इलेक्ट्रॉन

इलेक्ट्रान ऋणात्मक वैद्युत आवेश युक्त मूलभूत अवपरमाण्विक कण है, इन्हे e से प्रदर्शित करते हैं। इलेक्ट्रान में कण और तरंग दोनों प्रकार के गुण विधमान होते हैं इस लिए कुछ वैज्ञानिक इसे कण मानते हैं और कुछ तरंग। इलेक्ट्रॉन को प्रायः एक मूलभूत कण माना जाता है। इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान 9.110-31 होता है। इलेक्ट्रॉन नाभिक के चारों तरफ चक्कर लगाता रहता है। सन 1830 में माइकेल फैराडे ने सर्वप्रथम यह दर्शाया कि यदि किसी विलयन में विधुत धारा प्रवाहित की जाती है, तो इलेक्ट्रोडों पर रसायनिक अभिक्रियाएं होती हैं, जिनके परिणाम स्वरुप इलेक्ट्रोडों पर पदार्थ का विसर्जन और निक्षेपण होता है।

  • जे जे थॉमसन ने कैथोड किरणों के वैधुत एवं चुंबकीय क्षेत्र में विक्षेपन से e/m अर्थात आवेश/ द्रव्यमान का मान ज्ञात किया, जिसमे e/m का मान कूलम्ब प्रति ग्राम प्राप्त हुआ।
  • वैधुत क्षेत्र में इलेक्ट्रान एक परवलयाकार पथ बनाता है जोकि दिया गया है:

    y = जहाँ e = इलेक्ट्रॉन पर आवेश m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान v = इलेक्ट्रॉन का वेग x = दो प्लेटों के बीच की दूरी जिनमें इलेक्ट्रॉन गमन कर रहा है E = वैधुत क्षेत्र y = y- अक्ष पर इलेक्ट्रॉन के पथ पर विक्षेपण

  • जे जे थॉमसन ने आवेश / द्रव्यमान अनुपात दिया:

जहाँ

E = वैधुत क्षेत्र

e = इलेक्ट्रॉन पर आवेश

m = इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान

r = पथ की त्रिज्या

B = चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता

=−1.7588)×1011 C⋅kg−1

नोट

डिस्चार्ज ट्यूब में e /m का मान गैस और इलेक्ट्रोड के पदार्थ पर  निर्भर नहीं करता, यह हमेशा समान होता है।

अभ्यास प्रश्न

  • बताइए कि निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य:
  1. इलेक्ट्रॉन का e/m अनुपात जे.जे. थॉमसन द्वारा निर्धारित किया गया था।
  2. कैथोड किरणों के लिए आवेश/द्रव्यमान अनुपात न्यूनतम होता है जब निस्सरण नली में गैस हाइड्रोजन होती है।
  3. कैथोड किरणें एनोड किरणों से भिन्न है।
  4. कैथोड किरणें धन प्लेट से उत्सर्जित होती हैं।
  • रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:
  1. 1. कैथोड इलेक्ट्रोड ............. आवेशित होता है।
  2. 2. कैथोड इलेक्ट्रोड से निकलने वाले  कण ......... आवेशित होते हैं।
  3. 3. चुंबकीय क्षेत्र में इलेक्ट्रॉन का पथ ............. होता है।
  4. 4. आवेश / द्रव्यमान अनुपात ........... द्वारा दिया गया था।