पार्श्वक्रम में सेल: Difference between revisions

From Vidyalayawiki

Listen

Line 11: Line 11:
पार्श्वक्रम में सर्किट परिपथ में प्रत्येक सेल पर वोल्टेज समान होगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी सेल श्रृंखला में जुड़ी हुई हैं, इसलिए प्रत्येक सेल में समान स्तर का विभव अंतर विद्यमान रहता है।
पार्श्वक्रम में सर्किट परिपथ में प्रत्येक सेल पर वोल्टेज समान होगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी सेल श्रृंखला में जुड़ी हुई हैं, इसलिए प्रत्येक सेल में समान स्तर का विभव अंतर विद्यमान रहता है।


पार्श्वक्रम में सर्किट परिपथ में जुड़ी कोशिकाओं के लाभ
== पार्श्वक्रम सर्किट परिपथ : लाभ -हानि ==


====== पार्श्वक्रम सर्किट परिपथ में जुड़े सेल-प्रारूप के लाभ ======
   समानांतर कनेक्शन में एक सेल को होने वाली क्षति अन्य कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करती है।
   समानांतर कनेक्शन में एक सेल को होने वाली क्षति अन्य कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करती है।


   समान्तर रूप से जुड़ी कोशिकाओं का जीवनकाल जल्दी ख़त्म हुए बिना लंबा होता है।
   समान्तर रूप से जुड़ी कोशिकाओं का जीवनकाल जल्दी ख़त्म हुए बिना लंबा होता है।


समानांतर में कनेक्टेड सेल्स के नुकसान
====== पार्श्वक्रम सर्किट परिपथ में जुड़े सेल-प्रारूप की हानि ======
 
   समानांतर में अधिक सेल जोड़ने से विकसित वोल्टेज में वृद्धि नहीं होगी।
   समानांतर में अधिक सेल जोड़ने से विकसित वोल्टेज में वृद्धि नहीं होगी।


   कनेक्टेड बल्ब की चमक एक सेल पर निर्भर करती है, इसलिए कई सेलों के साथ भी इसके बहुत उज्ज्वल होने की उम्मीद न करें।
   कनेक्टेड बल्ब की चमक एक सेल पर निर्भर करती है, इसलिए कई सेलों के साथ भी इसके बहुत उज्ज्वल होने की उम्मीद न करें।
[[Category:विद्युत् धारा]][[Category:कक्षा-12]][[Category:भौतिक विज्ञान]]
[[Category:विद्युत् धारा]][[Category:कक्षा-12]][[Category:भौतिक विज्ञान]]

Revision as of 10:52, 24 May 2024

cell in parallel

पार्श्वक्रम में सर्किट परिपथ में सेल C1,C2....


पार्श्वक्रम में सर्किट परिपथ में सेल का एक ऐसा प्रारूप (कॉन्फ़िगरेशन) है,जिसमें कई सेलों के सकारात्मक टर्मिनल के साथ जुड़ी हुई होती हैं और साथ ही साथ कई सेलों के नकारात्मक टर्मिनल एक साथ जुड़े होते हैं। प्रायः इस प्रारूप का उपयोग सर्किट परिपथ में धारा प्रवाह को बढ़ाने के लिए किया जाता है।

धारा प्रवाह का विभाजन

पार्श्वक्रम में सर्किट परिपथ में, धारा को सेलों के बीच विभाजित किया जाता है। इसका तात्पर्य ,यह है कि इस प्रारूप में अवस्थित प्रत्येक सेल के माध्यम से बहने वाले प्रवाह की मात्रा उस प्रवाह से कम होगी, जो उस एक एकल सेल के माध्यम से प्रवाहित होती यदि वह एक सेल स्वयं सर्किट एकल अवस्था में जुड़ा होता। हालाँकि, समानांतर सर्किट का कुल धारा प्रवाह निर्गत (आउटपुट) एकल सेल के प्रवाह निर्गत से अधिक होगा।

समान वोल्टेज

पार्श्वक्रम में सर्किट परिपथ में प्रत्येक सेल पर वोल्टेज समान होगा। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सभी सेल श्रृंखला में जुड़ी हुई हैं, इसलिए प्रत्येक सेल में समान स्तर का विभव अंतर विद्यमान रहता है।

पार्श्वक्रम सर्किट परिपथ : लाभ -हानि

पार्श्वक्रम सर्किट परिपथ में जुड़े सेल-प्रारूप के लाभ

   समानांतर कनेक्शन में एक सेल को होने वाली क्षति अन्य कोशिकाओं को प्रभावित नहीं करती है।

   समान्तर रूप से जुड़ी कोशिकाओं का जीवनकाल जल्दी ख़त्म हुए बिना लंबा होता है।

पार्श्वक्रम सर्किट परिपथ में जुड़े सेल-प्रारूप की हानि

   समानांतर में अधिक सेल जोड़ने से विकसित वोल्टेज में वृद्धि नहीं होगी।

   कनेक्टेड बल्ब की चमक एक सेल पर निर्भर करती है, इसलिए कई सेलों के साथ भी इसके बहुत उज्ज्वल होने की उम्मीद न करें।