लोहचुंबकत्व: Difference between revisions

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कुछ ही पदार्थ लौहचुम्बकत्व का गुण प्रदर्शित करते हैं जिनमें से मुख्य हैं - लोहा, निकल, कोबाल्ट तथा इनकी मिश्रधातुएँ तथा कुछ सहज रूप में प्राप्त खनिज (जैसे लोडस्टोन) आदि। कुछ पदार्थ जैसे - लोह, कोबाल्ट, निकेल, गैडोलीनियम अत्यधिक प्रबलता से चुंबकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित  होते हैं। ऐसे पदार्थ को लोहचुंबकीय पदार्थ कहा जाता है। प्रबल आकर्षणों के अतिरिक्त ये स्थाई रूप से चुंबकित किये जा सकते हैं। ठोस अवस्था में लोहचुंबकीय पदार्थों के धातु आयन छोटे छोटे भागों में समूहित हो जाते हैं इन्हे डोमेन कहा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक डोमेन एक छोटे चुंबक की तरह व्यव्हार करता है।  
कुछ ही पदार्थ लौहचुम्बकत्व का गुण प्रदर्शित करते हैं जिनमें से मुख्य हैं - लोहा, निकल, कोबाल्ट तथा इनकी मिश्रधातुएँ तथा कुछ सहज रूप में प्राप्त [[खनिज]] (जैसे लोडस्टोन) आदि। कुछ [[पदार्थ]] जैसे - लोह, कोबाल्ट, निकेल, गैडोलीनियम अत्यधिक प्रबलता से चुंबकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित  होते हैं। ऐसे पदार्थ को लोहचुंबकीय पदार्थ कहा जाता है। प्रबल आकर्षणों के अतिरिक्त ये स्थाई रूप से चुंबकित किये जा सकते हैं। [[ठोस अवस्था]] में लोहचुंबकीय पदार्थों के धातु आयन छोटे छोटे भागों में समूहित हो जाते हैं इन्हे डोमेन कहा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक डोमेन एक छोटे चुंबक की तरह व्यव्हार करता है।  


लौहचुंबकत्व ही वह मूलभूत तरीका है जिससे कुछ पदार्थ (जैसे लोहा) स्थायी चुम्बक बनाते हैं या दूसरे चुम्बकों की ओर आकृष्ट होते हैं। वैसे प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थ भी चुम्बकीय क्षेत्र में आकर्षित या प्रतिकर्षित होते हैं किन्तु इन पर लगने वाला बल इतना कम होता है कि उसे प्रयोगशालाओं के अत्यन्त सुग्राही उपकरणों द्वारा ही पता लगाया जा सकता है। प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बकत्व नहीं दे सकते।
लोहचुंबकीय ही वह मूलभूत तरीका है जिससे कुछ [[पदार्थ]] (जैसे लोहा) स्थायी चुम्बक बनाते हैं या दूसरे चुम्बकों की ओर आकृष्ट होते हैं। वैसे प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थ भी चुम्बकीय क्षेत्र में आकर्षित या प्रतिकर्षित होते हैं किन्तु इन पर लगने वाला बल इतना कम होता है कि उसे प्रयोगशालाओं के अत्यन्त सुग्राही उपकरणों द्वारा ही पता लगाया जा सकता है। प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बकत्व नहीं दे सकते।


* लौहचुंबकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं जो वाह्य चुंबकीय क्षेत्र की अनुपस्थित में भी परमाणु स्तर पर एक चुंबकतत्व प्रदर्शित करती है।  
* लौहचुंबकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं जो वाह्य चुंबकीय क्षेत्र की अनुपस्थित में भी परमाणु स्तर पर एक चुंबकतत्व प्रदर्शित करती है।  
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== प्रतिलोहचुंबकत्व ==
== प्रतिलोहचुंबकत्व ==
ऐसे पदार्थ जिनमे आधे इलेक्ट्रान चक्रण एक प्रकार से पंक्तिबद्ध तथा आधे इलेक्ट्रान चक्रण दूसरे प्रकार से (विपरीत) पंक्तिबद्ध होते है, प्रति लौह चुम्ब्कीय पदार्थ कहलाते है। इन पदार्थों में चुम्ब्कीय आघूर्ण नहीं होता तथा चुम्ब्कीय क्षेत्र में अनुचुंबकिय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करते। प्रतिलौहचुम्बकत्व प्रदर्शित करने वाले पदार्थ जैसे MnO में डोमेन संरचना लोहचुंबकीय पदार्थ के समान होती है, परन्तु उनके डोमेन एक दुसरे के विपरीत अभिविन्यासित होते हैं तथा एक दूसरे के चुंबकीय आघूर्ण को निरस्त कर देते हैं। जब चुंबकीय आघूर्ण इस प्रकार अभिविन्यासित होते हैं कि नेट चुंबकीय आघूर्ण शून्य हो जाता है, तब चुंबकत्व प्रतिलौहचुंबकत्व कहलता है।
ऐसे पदार्थ जिनमे आधे इलेक्ट्रान चक्रण एक प्रकार से पंक्तिबद्ध तथा आधे इलेक्ट्रान चक्रण दूसरे प्रकार से (विपरीत) पंक्तिबद्ध होते है, प्रति लौह चुम्ब्कीय पदार्थ कहलाते है। इन पदार्थों में चुम्ब्कीय आघूर्ण नहीं होता तथा चुम्ब्कीय क्षेत्र में अनुचुंबकिय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करते। प्रतिलौहचुम्बकत्व प्रदर्शित करने वाले पदार्थ जैसे MnO में डोमेन संरचना लोहचुंबकीय पदार्थ के समान होती है, परन्तु उनके डोमेन एक दुसरे के विपरीत अभिविन्यासित होते हैं तथा एक दूसरे के चुंबकीय [[आघूर्णों के नियम|आघूर्ण]] को निरस्त कर देते हैं। जब चुंबकीय आघूर्ण इस प्रकार अभिविन्यासित होते हैं कि नेट चुंबकीय आघूर्ण शून्य हो जाता है, तब चुंबकत्व प्रतिलोहचुंबकीय कहलता है।


===उदाहरण===
===उदाहरण===
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प्रतिचुम्बकीय पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र से ज्यादा प्रतिकर्षित नहीं होते हैं। अर्थात दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं। ये चुंबकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में दुर्बल रूप से चुंबकित होते हैं। प्रतिचुंबकत्व उन पदार्थों द्वारा दर्शाया जाता है जिनमे सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं अर्थात अगर एक भी इलेक्ट्रान युग्मित होता है तो प्रतिचुंबकत्व का गुण नहीं होगा। इलेक्ट्रॉनों का युग्मित होना उनके चुंबकीय आघूर्ण को पूरी तरह से निरस्त कर देता है और ये चुंबकीय गुण नहीं दर्शाते हैं।
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र से ज्यादा प्रतिकर्षित नहीं होते हैं। अर्थात दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं। ये चुंबकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में दुर्बल रूप से चुंबकित होते हैं। प्रतिचुंबकत्व उन पदार्थों द्वारा दर्शाया जाता है जिनमे सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं अर्थात अगर एक भी इलेक्ट्रान युग्मित होता है तो प्रतिचुंबकत्व का गुण नहीं होगा। इलेक्ट्रॉनों का युग्मित होना उनके चुंबकीय आघूर्ण को पूरी तरह से निरस्त कर देता है और ये चुंबकीय गुण नहीं दर्शाते हैं।


इन पदार्थो के परमाणु, अणुओं या आयनों में सभी इलेक्ट्रान युग्मित होते है।
इन पदार्थो के परमाणु, [[अणु]]ओं या आयनों में सभी इलेक्ट्रान युग्मित होते है।
===उदाहरण===
===उदाहरण===
HCl, NaCl और C<sub>6</sub>H<sub>6</sub>
HCl, NaCl और C<sub>6</sub>H<sub>6</sub>

Latest revision as of 12:32, 30 May 2024

कुछ ही पदार्थ लौहचुम्बकत्व का गुण प्रदर्शित करते हैं जिनमें से मुख्य हैं - लोहा, निकल, कोबाल्ट तथा इनकी मिश्रधातुएँ तथा कुछ सहज रूप में प्राप्त खनिज (जैसे लोडस्टोन) आदि। कुछ पदार्थ जैसे - लोह, कोबाल्ट, निकेल, गैडोलीनियम अत्यधिक प्रबलता से चुंबकीय क्षेत्र की ओर आकर्षित  होते हैं। ऐसे पदार्थ को लोहचुंबकीय पदार्थ कहा जाता है। प्रबल आकर्षणों के अतिरिक्त ये स्थाई रूप से चुंबकित किये जा सकते हैं। ठोस अवस्था में लोहचुंबकीय पदार्थों के धातु आयन छोटे छोटे भागों में समूहित हो जाते हैं इन्हे डोमेन कहा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक डोमेन एक छोटे चुंबक की तरह व्यव्हार करता है।  

लोहचुंबकीय ही वह मूलभूत तरीका है जिससे कुछ पदार्थ (जैसे लोहा) स्थायी चुम्बक बनाते हैं या दूसरे चुम्बकों की ओर आकृष्ट होते हैं। वैसे प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थ भी चुम्बकीय क्षेत्र में आकर्षित या प्रतिकर्षित होते हैं किन्तु इन पर लगने वाला बल इतना कम होता है कि उसे प्रयोगशालाओं के अत्यन्त सुग्राही उपकरणों द्वारा ही पता लगाया जा सकता है। प्रतिचुम्बकीय और अनुचुम्बकीय पदार्थ स्थायी चुम्बकत्व नहीं दे सकते।

  • लौहचुंबकीय पदार्थ वे पदार्थ हैं जो वाह्य चुंबकीय क्षेत्र की अनुपस्थित में भी परमाणु स्तर पर एक चुंबकतत्व प्रदर्शित करती है।
  • जब एक बाहरी चुंबकीय क्षेत्र में रखा जाता है तो यह पदार्थ को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं।

प्रतिलोहचुंबकत्व

ऐसे पदार्थ जिनमे आधे इलेक्ट्रान चक्रण एक प्रकार से पंक्तिबद्ध तथा आधे इलेक्ट्रान चक्रण दूसरे प्रकार से (विपरीत) पंक्तिबद्ध होते है, प्रति लौह चुम्ब्कीय पदार्थ कहलाते है। इन पदार्थों में चुम्ब्कीय आघूर्ण नहीं होता तथा चुम्ब्कीय क्षेत्र में अनुचुंबकिय व्यवहार प्रदर्शित नहीं करते। प्रतिलौहचुम्बकत्व प्रदर्शित करने वाले पदार्थ जैसे MnO में डोमेन संरचना लोहचुंबकीय पदार्थ के समान होती है, परन्तु उनके डोमेन एक दुसरे के विपरीत अभिविन्यासित होते हैं तथा एक दूसरे के चुंबकीय आघूर्ण को निरस्त कर देते हैं। जब चुंबकीय आघूर्ण इस प्रकार अभिविन्यासित होते हैं कि नेट चुंबकीय आघूर्ण शून्य हो जाता है, तब चुंबकत्व प्रतिलोहचुंबकीय कहलता है।

उदाहरण

Cr2O3, MnO2, MnO आदि।

प्रतिचुम्बकीय पदार्थ

प्रतिचुम्बकीय पदार्थ चुंबकीय क्षेत्र से ज्यादा प्रतिकर्षित नहीं होते हैं। अर्थात दुर्बल रूप से प्रतिकर्षित होते हैं। ये चुंबकीय क्षेत्र की विपरीत दिशा में दुर्बल रूप से चुंबकित होते हैं। प्रतिचुंबकत्व उन पदार्थों द्वारा दर्शाया जाता है जिनमे सभी इलेक्ट्रॉन युग्मित होते हैं अर्थात अगर एक भी इलेक्ट्रान युग्मित होता है तो प्रतिचुंबकत्व का गुण नहीं होगा। इलेक्ट्रॉनों का युग्मित होना उनके चुंबकीय आघूर्ण को पूरी तरह से निरस्त कर देता है और ये चुंबकीय गुण नहीं दर्शाते हैं।

इन पदार्थो के परमाणु, अणुओं या आयनों में सभी इलेक्ट्रान युग्मित होते है।

उदाहरण

HCl, NaCl और C6H6

अभ्यास प्रश्न

  • प्रतिलोहचुंबकत्व एवं प्रतिचुंबकत्व में क्या अंतर है?
  • प्रतिचुंबकीय पदार्थ से आप क्या समझते हैं?
  • लोहचुंबकत्व पदार्थ से आप क्या समझते हैं?