नाइट्रिक अम्ल: Difference between revisions
No edit summary |
|||
Line 1: | Line 1: | ||
[[Category:P ब्लॉक के तत्व]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]] | [[Category:P ब्लॉक के तत्व]][[Category:रसायन विज्ञान]][[Category:कक्षा-12]][[Category:अकार्बनिक रसायन]] | ||
नाइट्रोजन ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके बहुत से नाइट्रोजन ऑक्साइड बनाती है। नाइट्रोजन ऑक्साइड +1 से +5 तक विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थायें प्रदर्शित करते हैं। उच्च ऑक्सीकरण अवस्था वाले नाइट्रोजन के ऑक्साइड निम्न ऑक्सीकरण अवस्था वाले ऑक्साइड की तुलना में अधिक अम्लीय होते हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड ईधन जैसे डीजल या कोयले के दहन से प्रदूषित धुएँ का मुख्य अवयव है। यह नाम NO, | नाइट्रोजन ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके बहुत से नाइट्रोजन ऑक्साइड बनाती है। नाइट्रोजन ऑक्साइड +1 से +5 तक विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थायें प्रदर्शित करते हैं। उच्च [[ऑक्सीकरण-संख्या|ऑक्सीकरण]] अवस्था वाले नाइट्रोजन के ऑक्साइड निम्न ऑक्सीकरण अवस्था वाले ऑक्साइड की तुलना में अधिक अम्लीय होते हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड [[ईधन सेल|ईधन]] जैसे डीजल या कोयले के [[दहन]] से प्रदूषित धुएँ का मुख्य अवयव है। यह नाम NO, NO<sub>2</sub> तथा अन्य कई गैसों को सम्मिलित रूप से दिया जाता है जो प्रदूषक हैं और अम्लीय वर्षा को जन्म देती हैं। ह पेट्रोल, डीजल, कोयले को जलाने से उत्पन्न होती है और बिजली कड़कने से समय आसमान में भी बनती है। यह गैस बच्चों को, सर्दियों में साँस की बीमारियों के प्रति, संवेदनशील बनाती है। | ||
नाइट्रोजन H<sub>2</sub>N<sub>2</sub>O<sub>2</sub> हाइपो नाइट्रस अम्ल, HNO<sub>2</sub> नाइट्रस अम्ल, HNO<sub>3</sub> नाइट्रिक अम्ल जैसे ऑक्सो अम्ल बनाता है। इनमें HNO<sub>3</sub> सबसे अधिक महत्वपूर्ण तत्व है। | नाइट्रोजन H<sub>2</sub>N<sub>2</sub>O<sub>2</sub> हाइपो नाइट्रस अम्ल, HNO<sub>2</sub> नाइट्रस अम्ल, HNO<sub>3</sub> नाइट्रिक अम्ल जैसे ऑक्सो अम्ल बनाता है। इनमें HNO<sub>3</sub> सबसे अधिक महत्वपूर्ण तत्व है। | ||
Line 12: | Line 12: | ||
== ओस्टवाल्ड विधि == | == ओस्टवाल्ड विधि == | ||
यह विधि अमोनिया ( | यह विधि [[अमोनिया की स्थिति|अमोनिया]] (NH<sub>3</sub>) के वायुमंडलीय ऑक्सीजन की उपस्थित में ऑक्सीकरण करने पर प्राप्त होती है। | ||
<chem>4NH3(g) + 5O2(g)->[Pt/Rh] 4NO(g) + 6H2O</chem> | <chem>4NH3(g) + 5O2(g)->[Pt/Rh] 4NO(g) + 6H2O</chem> | ||
Line 31: | Line 31: | ||
== रासायनिक गुण == | == रासायनिक गुण == | ||
सान्द्र नाइट्रिक अम्ल प्रबल ऑक्सीकारक है तथा सोना एवं प्लेटिनम जैसी उत्कृष्ट को छोड़कर अधिकतर धातुओं के साथ अभिक्रिया करता है। आक्सीकरण के उत्पाद अम्ल की सांद्रता, ताप तथा आक्सीकृत होने वाले पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। | सान्द्र नाइट्रिक अम्ल प्रबल [[ऑक्सीकारक]] है तथा सोना एवं प्लेटिनम जैसी उत्कृष्ट को छोड़कर अधिकतर धातुओं के साथ अभिक्रिया करता है। आक्सीकरण के उत्पाद [[अम्ल]] की सांद्रता, ताप तथा आक्सीकृत होने वाले पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है। | ||
<chem>3Cu + 8HNO3 -> 3Cu(NO3)2 + 2NO + 4H2O</chem> | <chem>3Cu + 8HNO3 -> 3Cu(NO3)2 + 2NO + 4H2O</chem> |
Latest revision as of 22:48, 30 May 2024
नाइट्रोजन ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके बहुत से नाइट्रोजन ऑक्साइड बनाती है। नाइट्रोजन ऑक्साइड +1 से +5 तक विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्थायें प्रदर्शित करते हैं। उच्च ऑक्सीकरण अवस्था वाले नाइट्रोजन के ऑक्साइड निम्न ऑक्सीकरण अवस्था वाले ऑक्साइड की तुलना में अधिक अम्लीय होते हैं। नाइट्रोजन ऑक्साइड ईधन जैसे डीजल या कोयले के दहन से प्रदूषित धुएँ का मुख्य अवयव है। यह नाम NO, NO2 तथा अन्य कई गैसों को सम्मिलित रूप से दिया जाता है जो प्रदूषक हैं और अम्लीय वर्षा को जन्म देती हैं। ह पेट्रोल, डीजल, कोयले को जलाने से उत्पन्न होती है और बिजली कड़कने से समय आसमान में भी बनती है। यह गैस बच्चों को, सर्दियों में साँस की बीमारियों के प्रति, संवेदनशील बनाती है।
नाइट्रोजन H2N2O2 हाइपो नाइट्रस अम्ल, HNO2 नाइट्रस अम्ल, HNO3 नाइट्रिक अम्ल जैसे ऑक्सो अम्ल बनाता है। इनमें HNO3 सबसे अधिक महत्वपूर्ण तत्व है।
विरचन
प्रयोगशाला में, नाइट्रिक अम्ल, काँच के रिटार्ट में सांद्र H2SO4 तथा NaNO2 अथवा KNO3 को गर्म करके प्राप्त किया जाता है।
उद्योगों में नाइट्रिक अम्ल बनाने की ओस्टवाल्ड विधि है।
ओस्टवाल्ड विधि
यह विधि अमोनिया (NH3) के वायुमंडलीय ऑक्सीजन की उपस्थित में ऑक्सीकरण करने पर प्राप्त होती है।
इस प्रकार निर्मित नाइट्रिक ऑक्साइड ऑक्सीजन के साथ संयोग करके NO2 देती है।
निर्मित नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जल में घुलकर HNO3 बनती है।
गुण
- यह एक रंगहीन द्रव है।
- इसका विशिष्ट घनत्व 1.504 होता है।
- इसकी संरचना समतलीय है।
रासायनिक गुण
सान्द्र नाइट्रिक अम्ल प्रबल ऑक्सीकारक है तथा सोना एवं प्लेटिनम जैसी उत्कृष्ट को छोड़कर अधिकतर धातुओं के साथ अभिक्रिया करता है। आक्सीकरण के उत्पाद अम्ल की सांद्रता, ताप तथा आक्सीकृत होने वाले पदार्थ की प्रकृति पर निर्भर करता है।
ज़िंक तनु नाइट्रिक अम्ल के साथ क्रिया करने पर N2O तथा सांद्र अम्ल के साथ देता है।
भूरी वलय परीक्षण
ब्राउन रिंग टेस्ट एक रासायनिक परीक्षण है जिसका उपयोग नाइट्रेट आयनों की उपस्थिति का पता लगाने के लिए किया जाता है। एक विलयन में यह नाइट्रेट के लिए एक पुष्टिकरण परीक्षण है और अक्सर गुणात्मक विश्लेषण में किया जाता है। यह नाइट्रेटों समूह का परीक्षण है। इस परीक्षण में सामान्यतया नाइट्रेट आयन युक्त जलीय विलयन में तनु फेरस सल्फेट विलयन मिलाने के पश्चात् सावधानीपूर्वक परखनली की दीवार के सहारे सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल को मिलाया जाता है। विलयन तथा सल्फ्यूरिक अम्ल के अन्तरापृष्ठ पर एक भूरी वलय बनती है जो कि नाइट्रेट आयनों की उपस्थिति का संकेत देती है। परीक्षण के दौरान निम्न अभिक्रिया होती है:
सीरिक अमोनियम नाइट्रेट परीक्षण कार्बनिक यौगिक (= 0.2g) का उपयुक्त विलायक में बना 1 mL विलयन लेते हैं। सीरिक अमोनियम नाइट्रेट विलयन की कुछ बूँदें मिलाइ गई। इसमें लाल रंग प्राप्त होना ऐल्कोहॉली - OH समूह की उपस्थिति प्रदर्शित करता है । नोट - अभिक्रिया मिश्रण को कुछ समय रखने के बाद लाल रंग विलुप्त हो जाता है।
उपयोग
- नाइट्रिक अम्ल का प्रमुख उपयोग उर्वरकों के लिए अमोनियम नाइट्रेट बनाने तथा विस्फोटक एवं पायरों तकनीक में प्रयुक्त होने वाले अन्य नाइट्रेटों के उत्पादन में है।
- यह स्टील के अमलोपचार में प्रयुक्त होता है।
- यह रॉकेट ईधनों में ऑक्सीकारक के रूप में प्रयोग होता है।
- यह धातुओं निक्षारण में प्रयुक्त होता है।