प्रजनन: Difference between revisions

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पौधों और जानवरों सहित सभी जीवित जीवों में अपने जीवन काल के दौरान नए जीव पैदा करने की क्षमता होती है। एक ही प्रजाति के मौजूदा जीव (माता-पिता) से एक नए जीव के निर्माण की प्रक्रिया को प्रजनन (Reproduction) कहते है। उत्पादित नए व्यक्ति, उनके माता-पिता की प्रतियां हैं। प्रजनन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण जीवन प्रक्रियाओं (Life processes) में से एक है और प्रजातियों की निरंतरता के लिए आवश्यक भी है।
पौधों और जानवरों सहित सभी जीवित जीवों में अपने जीवन काल के दौरान नए जीव पैदा करने की क्षमता होती है। एक ही प्रजाति के मौजूदा जीव (माता-पिता) से एक नए जीव के निर्माण की प्रक्रिया को प्रजनन (Reproduction) कहते है। उत्पादित नए व्यक्ति, उनके माता-पिता की प्रतियां हैं। प्रजनन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण जीवन प्रक्रियाओं (Life processes) में से एक है और प्रजातियों की निरंतरता के लिए आवश्यक भी है।


यह प्रजनन जीवन को सतत बनाता है जो न केवल किसी जीव के जीवित रहने के लिए आवश्यक है बल्कि यह प्रजातियों के स्थायित्व और संरक्षण के लिए भी बहुत आवश्यक है क्योंकि यह प्रजाति के सदस्यों की संख्या में वृद्धि करता है।
यह [[प्रजनन]] जीवन को सतत बनाता है जो न केवल किसी जीव के जीवित रहने के लिए आवश्यक है बल्कि यह प्रजातियों के स्थायित्व और संरक्षण के लिए भी बहुत आवश्यक है क्योंकि यह प्रजाति के सदस्यों की संख्या में वृद्धि करता है।


जीव अलग-अलग तरीके से प्रजनन करते हैं।  प्रजनन के दो  तरीके हैं:
जीव अलग-अलग तरीके से प्रजनन करते हैं।  प्रजनन के दो  तरीके हैं:


1. अलैंगिक प्रजनन (Asexual reproduction)
1. [[अलैंगिक जनन|अलैंगिक]] प्रजनन (Asexual reproduction)


2. यौन /लैंगिक प्रजनन (sexual reproduction)
2. यौन /[[लैंगिक जनन|लैंगिक]] प्रजनन (sexual reproduction)


== 1. अलैंगिक प्रजनन (Asexual reproduction) ==
== 1. अलैंगिक प्रजनन (Asexual reproduction) ==
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'यौन' शब्द में यौन कोशिकाओं या युग्मकों (gametes) का संलयन सम्मिलित है। इससे उत्पन्न संतति में आनुवांशिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं । यह उन जीवों में जनन की सामान्य विधि है जिनमें अपेक्षाकृत जटिल संगठन पाया जाता है।
'यौन' शब्द में यौन कोशिकाओं या युग्मकों (gametes) का संलयन सम्मिलित है। इससे उत्पन्न संतति में आनुवांशिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं । यह उन जीवों में जनन की सामान्य विधि है जिनमें अपेक्षाकृत जटिल संगठन पाया जाता है।


पौधों में यौन प्रजनन में, एक फूल के नर भाग द्वारा एक नर कोशिका का निर्माण किया जाता है जो फूल के मादा भाग द्वारा निर्मित मादा कोशिका के साथ विलीन हो जाता है। इन कोशिकाओं को युग्मक कहा जाता है, जो संयुक्त होने पर निषेचन (fertilization) नामक प्रक्रिया द्वारा एक युग्मनज बनाते हैं। यह फलों और बीजों के उत्पादन में मदद करते हैं।
पौधों में यौन प्रजनन में, एक फूल के नर भाग द्वारा एक नर [[कोशिका]] का निर्माण किया जाता है जो फूल के मादा भाग द्वारा निर्मित मादा कोशिका के साथ विलीन हो जाता है। इन कोशिकाओं को युग्मक कहा जाता है, जो संयुक्त होने पर [[निषेचन]] (fertilization) नामक प्रक्रिया द्वारा एक [[युग्मनज]] बनाते हैं। यह फलों और बीजों के उत्पादन में मदद करते हैं।


=== पौधों में लैंगिक प्रजनन के चरण ===
=== पौधों में लैंगिक प्रजनन के चरण ===
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==== '''निषेचन के बाद के परिवर्तन''':- निषेचन के बाद फूल में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं। ====
==== '''निषेचन के बाद के परिवर्तन''':- निषेचन के बाद फूल में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं। ====


* ·       जाइगोट कई बार विभाजित होता है और बीजांड के अंदर एक भ्रूण बनाता है।
* ·       जाइगोट कई बार विभाजित होता है और [[बीजांड]] के अंदर एक [[भ्रूण]] बनाता है।
* ·       बीजांड एक सख्त आवरण विकसित कर लेता है और बीज में बदल जाता है।
* ·       बीजांड एक सख्त आवरण विकसित कर लेता है और बीज में बदल जाता है।
* ·       अंडाशय तेजी से बढ़ता है और एक फल बनाने के लिए पकता है।
* ·       अंडाशय तेजी से बढ़ता है और एक फल बनाने के लिए पकता है।
* ·       पंखुड़ियाँ, बाह्यदल, पुंकेसर, वर्तिकाग्र और वर्तिकाग्र मुरझा कर गिर जाते हैं।
* ·       पंखुड़ियाँ, बाह्यदल, [[पुंकेसर]], [[वर्तिकाग्र]] और वर्तिकाग्र मुरझा कर गिर जाते हैं।


== अभ्यास ==
== अभ्यास ==

Latest revision as of 12:10, 12 June 2024

पौधों और जानवरों सहित सभी जीवित जीवों में अपने जीवन काल के दौरान नए जीव पैदा करने की क्षमता होती है। एक ही प्रजाति के मौजूदा जीव (माता-पिता) से एक नए जीव के निर्माण की प्रक्रिया को प्रजनन (Reproduction) कहते है। उत्पादित नए व्यक्ति, उनके माता-पिता की प्रतियां हैं। प्रजनन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण जीवन प्रक्रियाओं (Life processes) में से एक है और प्रजातियों की निरंतरता के लिए आवश्यक भी है।

यह प्रजनन जीवन को सतत बनाता है जो न केवल किसी जीव के जीवित रहने के लिए आवश्यक है बल्कि यह प्रजातियों के स्थायित्व और संरक्षण के लिए भी बहुत आवश्यक है क्योंकि यह प्रजाति के सदस्यों की संख्या में वृद्धि करता है।

जीव अलग-अलग तरीके से प्रजनन करते हैं। प्रजनन के दो तरीके हैं:

1. अलैंगिक प्रजनन (Asexual reproduction)

2. यौन /लैंगिक प्रजनन (sexual reproduction)

1. अलैंगिक प्रजनन (Asexual reproduction)

वह प्रक्रिया जिसमें केवल एक माता/पिता एक ही प्रकार के नए जीव के उत्पादन में सम्मिलित होते हैं, उसे अलैंगिक प्रजनन कहलाते हैं। पौधों में, अलैंगिक प्रजनन के परिणामस्वरूप संतति या बिना बीज या बीजाणु के नए पौधे बनते हैं।

अलैंगिक प्रजनन निम्न विधियों से होता है:

1) वनस्पति प्रचार (Vegetative propagation)

2) खंडन (Fission) - ये दो प्रकार के होते हैं

  • द्विखंडन (Binary fission)
  • बहुखंडन (Multiple fission)

3) पुनरुदभवन (Regeneration)

4) नवोदित / मुकुलन (Budding)

5) विखंडन (Fragmentation)

6) बीजाणु गठन (Spore formation)

2. यौन /लैंगिक प्रजनन (sexual reproduction)

'यौन' शब्द में यौन कोशिकाओं या युग्मकों (gametes) का संलयन सम्मिलित है। इससे उत्पन्न संतति में आनुवांशिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं । यह उन जीवों में जनन की सामान्य विधि है जिनमें अपेक्षाकृत जटिल संगठन पाया जाता है।

पौधों में यौन प्रजनन में, एक फूल के नर भाग द्वारा एक नर कोशिका का निर्माण किया जाता है जो फूल के मादा भाग द्वारा निर्मित मादा कोशिका के साथ विलीन हो जाता है। इन कोशिकाओं को युग्मक कहा जाता है, जो संयुक्त होने पर निषेचन (fertilization) नामक प्रक्रिया द्वारा एक युग्मनज बनाते हैं। यह फलों और बीजों के उत्पादन में मदद करते हैं।

पौधों में लैंगिक प्रजनन के चरण

  1. परागण (Pollination)
  2. निषेचन (Fertilization)

निषेचन के बाद के परिवर्तन:- निषेचन के बाद फूल में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं।

  • ·       जाइगोट कई बार विभाजित होता है और बीजांड के अंदर एक भ्रूण बनाता है।
  • ·       बीजांड एक सख्त आवरण विकसित कर लेता है और बीज में बदल जाता है।
  • ·       अंडाशय तेजी से बढ़ता है और एक फल बनाने के लिए पकता है।
  • ·       पंखुड़ियाँ, बाह्यदल, पुंकेसर, वर्तिकाग्र और वर्तिकाग्र मुरझा कर गिर जाते हैं।

अभ्यास

  1. जनन की प्रक्रिया क्यों आवश्यक है ?
  2. प्रजनन के दो तरीके क्या हैं ?
  3. निषेचन के बाद के परिवर्तन लिखे ?