पेरिडर्म: Difference between revisions
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पेरिडर्म पौधों की शारीरिक रचना में एक महत्वपूर्ण ऊतक है, विशेष रूप से द्वितीयक वृद्धि और सुरक्षा के संदर्भ में। पेरिडर्म एक सुरक्षात्मक ऊतक है जो लकड़ी के पौधों में द्वितीयक वृद्धि के दौरान तनों और जड़ों में एपिडर्मिस की जगह लेता है। यह कॉर्क कैम्बियम (फेलोजेन) से बनता है और इसमें तीन मुख्य घटक होते हैं: कॉर्क (फेलम), कॉर्क कैम्बियम (फेलोजेन), और फेलोडर्म। | |||
== पेरिडर्म के घटक == | |||
=== कॉर्क (फेलम) === | |||
पेरिडर्म की सबसे बाहरी परत, जो मृत कोशिकाओं से बनी होती है जो सबेरिन (एक मोमी पदार्थ) से भरी होती हैं। यह परत रोगजनकों और पानी की कमी के खिलाफ इन्सुलेशन और सुरक्षा प्रदान करती है। | |||
=== कॉर्क कैम्बियम (फेलोजेन) === | |||
एक मेरिस्टेमेटिक परत जो बाहर की ओर कॉर्क कोशिकाओं और अंदर की ओर फेलोडर्म कोशिकाओं का उत्पादन करती है। यह पेरिडर्म के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। | |||
=== फेलोडर्म === | |||
पेरिडर्म की आंतरिक परत, जिसमें जीवित कोशिकाएँ होती हैं जो भोजन को संग्रहीत कर सकती हैं और पोषक तत्वों के परिवहन में योगदान दे सकती हैं। | |||
== पेरिडर्म के कार्य == | |||
* '''सुरक्षा:''' पेरिडर्म यांत्रिक क्षति, रोगजनकों और पर्यावरणीय तनाव (जैसे, सूखापन और अत्यधिक तापमान) के विरुद्ध एक अवरोध के रूप में कार्य करता है। | |||
* '''जल विनियमन:''' कॉर्क परत पानी की कमी को रोकने में मदद करती है, जिससे पौधे की आंतरिक नमी बनी रहती है। | |||
* '''गैस विनिमय:''' हालाँकि पेरिडर्म मुख्य रूप से सुरक्षात्मक होता है, लेकिन इसमें लेंटिकेल भी हो सकते हैं, जो ऐसे छिद्र होते हैं जो आंतरिक ऊतकों और पर्यावरण के बीच गैस विनिमय की अनुमति देते हैं। | |||
== पेरिडर्म का निर्माण == | |||
=== द्वितीयक वृद्धि === | |||
जैसे-जैसे पौधे परिधि में बढ़ते हैं, मौजूदा एपिडर्मिस बढ़ते आकार को समायोजित नहीं कर पाता है, जिससे पेरिडर्म का निर्माण होता है। कॉर्क कैम्बियम एपिडर्मिस के नीचे विकसित होता है और कॉर्क कोशिकाओं का उत्पादन शुरू करता है। | |||
==== पार्श्व वृद्धि ==== | |||
पेरिडर्म गठन की प्रक्रिया संवहनी कैम्बियम की गतिविधि के साथ होती है, जो द्वितीयक जाइलम और फ्लोएम का उत्पादन करती है। | |||
== पेरिडर्म का महत्व == | |||
* लकड़ी की शारीरिक रचना: लकड़ी के पौधों की शारीरिक रचना का अध्ययन करने के लिए पेरिडर्म की संरचना और कार्य को समझना आवश्यक है। | |||
* पारिस्थितिक भूमिका: पेरिडर्म पौधे की विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल होने की क्षमता में योगदान देता है, जो जीवित रहने और विकास में सहायता करता है। | |||
=== प्रयोगशाला परीक्षण === | |||
* '''सूक्ष्म विश्लेषण:''' छात्र पेरिडर्म की संरचना का निरीक्षण करने के लिए माइक्रोस्कोप के नीचे तने और जड़ों के क्रॉस-सेक्शन की जांच कर सकते हैं। | |||
* '''धुंधला करने की तकनीक:''' विशिष्ट दागों का उपयोग करके कॉर्क कोशिकाओं में सबेरिन की उपस्थिति को देखने में मदद मिल सकती है। | |||
=== पेरिडर्म के अनुप्रयोग === | |||
'''बागवानी और कृषि:''' पेरिडर्म का ज्ञान पेड़ के स्वास्थ्य, घाव भरने और पर्यावरणीय तनावों के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया को समझने में सहायता कर सकता है। | |||
'''लकड़ी उद्योग:''' पेरिडर्म की विशेषताएँ लकड़ी के उत्पादों की गुणवत्ता और स्थायित्व को प्रभावित करती हैं। |
Revision as of 20:58, 10 October 2024
पेरिडर्म पौधों की शारीरिक रचना में एक महत्वपूर्ण ऊतक है, विशेष रूप से द्वितीयक वृद्धि और सुरक्षा के संदर्भ में। पेरिडर्म एक सुरक्षात्मक ऊतक है जो लकड़ी के पौधों में द्वितीयक वृद्धि के दौरान तनों और जड़ों में एपिडर्मिस की जगह लेता है। यह कॉर्क कैम्बियम (फेलोजेन) से बनता है और इसमें तीन मुख्य घटक होते हैं: कॉर्क (फेलम), कॉर्क कैम्बियम (फेलोजेन), और फेलोडर्म।
पेरिडर्म के घटक
कॉर्क (फेलम)
पेरिडर्म की सबसे बाहरी परत, जो मृत कोशिकाओं से बनी होती है जो सबेरिन (एक मोमी पदार्थ) से भरी होती हैं। यह परत रोगजनकों और पानी की कमी के खिलाफ इन्सुलेशन और सुरक्षा प्रदान करती है।
कॉर्क कैम्बियम (फेलोजेन)
एक मेरिस्टेमेटिक परत जो बाहर की ओर कॉर्क कोशिकाओं और अंदर की ओर फेलोडर्म कोशिकाओं का उत्पादन करती है। यह पेरिडर्म के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
फेलोडर्म
पेरिडर्म की आंतरिक परत, जिसमें जीवित कोशिकाएँ होती हैं जो भोजन को संग्रहीत कर सकती हैं और पोषक तत्वों के परिवहन में योगदान दे सकती हैं।
पेरिडर्म के कार्य
- सुरक्षा: पेरिडर्म यांत्रिक क्षति, रोगजनकों और पर्यावरणीय तनाव (जैसे, सूखापन और अत्यधिक तापमान) के विरुद्ध एक अवरोध के रूप में कार्य करता है।
- जल विनियमन: कॉर्क परत पानी की कमी को रोकने में मदद करती है, जिससे पौधे की आंतरिक नमी बनी रहती है।
- गैस विनिमय: हालाँकि पेरिडर्म मुख्य रूप से सुरक्षात्मक होता है, लेकिन इसमें लेंटिकेल भी हो सकते हैं, जो ऐसे छिद्र होते हैं जो आंतरिक ऊतकों और पर्यावरण के बीच गैस विनिमय की अनुमति देते हैं।
पेरिडर्म का निर्माण
द्वितीयक वृद्धि
जैसे-जैसे पौधे परिधि में बढ़ते हैं, मौजूदा एपिडर्मिस बढ़ते आकार को समायोजित नहीं कर पाता है, जिससे पेरिडर्म का निर्माण होता है। कॉर्क कैम्बियम एपिडर्मिस के नीचे विकसित होता है और कॉर्क कोशिकाओं का उत्पादन शुरू करता है।
पार्श्व वृद्धि
पेरिडर्म गठन की प्रक्रिया संवहनी कैम्बियम की गतिविधि के साथ होती है, जो द्वितीयक जाइलम और फ्लोएम का उत्पादन करती है।
पेरिडर्म का महत्व
- लकड़ी की शारीरिक रचना: लकड़ी के पौधों की शारीरिक रचना का अध्ययन करने के लिए पेरिडर्म की संरचना और कार्य को समझना आवश्यक है।
- पारिस्थितिक भूमिका: पेरिडर्म पौधे की विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों के अनुकूल होने की क्षमता में योगदान देता है, जो जीवित रहने और विकास में सहायता करता है।
प्रयोगशाला परीक्षण
- सूक्ष्म विश्लेषण: छात्र पेरिडर्म की संरचना का निरीक्षण करने के लिए माइक्रोस्कोप के नीचे तने और जड़ों के क्रॉस-सेक्शन की जांच कर सकते हैं।
- धुंधला करने की तकनीक: विशिष्ट दागों का उपयोग करके कॉर्क कोशिकाओं में सबेरिन की उपस्थिति को देखने में मदद मिल सकती है।
पेरिडर्म के अनुप्रयोग
बागवानी और कृषि: पेरिडर्म का ज्ञान पेड़ के स्वास्थ्य, घाव भरने और पर्यावरणीय तनावों के प्रति पौधों की प्रतिक्रिया को समझने में सहायता कर सकता है।
लकड़ी उद्योग: पेरिडर्म की विशेषताएँ लकड़ी के उत्पादों की गुणवत्ता और स्थायित्व को प्रभावित करती हैं।