अन्तःफलभित्ति: Difference between revisions

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अन्तःफलभित्ति फलभित्ति की सबसे भीतरी परत है, जो फल का वह हिस्सा है जो बीज को घेरता है। अन्तः[[फलभित्ति]] को समझने के लिए, फल की संरचना को जानना महत्वपूर्ण है, जिसमें आम तौर पर तीन परतें होती हैं।  
अन्तःफलभित्ति, फलभित्ति की सबसे भीतरी परत है, जो फल का वह हिस्सा है जो बीज को घेरता है। अन्तः[[फलभित्ति]] को समझने के लिए, फल की संरचना को जानना महत्वपूर्ण है, जिसमें सामान्य तौर पर तीन परतें होती हैं।  


== फल की संरचना ==
== फल की संरचना ==


* '''एक्सोकार्प:''' सबसे बाहरी परत, जिसे अक्सर फल की त्वचा या छिलका कहा जाता है।
* '''एक्सोकार्प:''' सबसे बाहरी परत, जिसे अक्सर फल की त्वचा या छिलका कहा जाता है।
* '''मेसोकार्प:''' बीच की परत, जो आमतौर पर मांसल या रेशेदार होती है, जो फल के प्रकार पर निर्भर करती है।
* '''मेसोकार्प:''' बीच की परत, जो सामान्यतौर पर मांसल या रेशेदार होती है, जो फल के प्रकार पर निर्भर करती है।
* '''अन्तःफलभित्ति:''' सबसे भीतरी परत जो सीधे बीज या बीजों को घेरती है।
* '''अन्तःफलभित्ति:''' सबसे भीतरी परत जो सीधे बीज या बीजों को घेरती है।



Latest revision as of 19:49, 4 November 2024

अन्तःफलभित्ति, फलभित्ति की सबसे भीतरी परत है, जो फल का वह हिस्सा है जो बीज को घेरता है। अन्तःफलभित्ति को समझने के लिए, फल की संरचना को जानना महत्वपूर्ण है, जिसमें सामान्य तौर पर तीन परतें होती हैं।

फल की संरचना

  • एक्सोकार्प: सबसे बाहरी परत, जिसे अक्सर फल की त्वचा या छिलका कहा जाता है।
  • मेसोकार्प: बीच की परत, जो सामान्यतौर पर मांसल या रेशेदार होती है, जो फल के प्रकार पर निर्भर करती है।
  • अन्तःफलभित्ति: सबसे भीतरी परत जो सीधे बीज या बीजों को घेरती है।

अन्तःफलभित्ति की भूमिका

अन्तःफलभित्ति की बनावट और संरचना फल के प्रकार पर निर्भर करती है।

  • आड़ू, बेर या चेरी (जिसे ड्रूप कहा जाता है) जैसे मांसल फलों में, अन्तःफलभित्ति कठोर होता है और बीज को घेरने वाले पत्थर या गड्ढे का निर्माण करता है।
  • खट्टे फलों (जैसे संतरे और नींबू) में, अन्तःफलभित्ति नरम और रेशेदार होता है, जो फल के उस हिस्से का निर्माण करता है जहाँ रस की थैलियाँ स्थित होती हैं।
  • सेब और नाशपाती जैसे फलों में, अन्तःफलभित्ति पतला और कागज़ जैसा होता है, जो बीजों के चारों ओर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है।

अन्तःफलभित्ति के आधार पर फलों के प्रकार

  • ड्रूप्स: इनमें पथरीला या कठोर अन्तःफलभित्ति होता है (जैसे, आड़ू, चेरी, नारियल)।
  • बेरीज: इन फलों में नरम और मांसल अन्तःफलभित्ति होता है (जैसे, अंगूर, टमाटर)।
  • पोम्स: इन फलों में कागज़ जैसा अन्तःफलभित्ति होता है (जैसे, सेब, नाशपाती)।

अन्तःफलभित्ति की संरचना फल के अंदर बीज की सुरक्षा में भूमिका निभाती है। कुछ मामलों में, कठोर, पथरीले अन्तःफलभित्ति (जैसे आड़ू में) जानवरों को बीज तक आसानी से पहुँचने से रोकता है, जबकि अन्य में, नरम अन्तःफलभित्ति (जैसे संतरे में) फल को रसदार और खाने के लिए आकर्षक बनाता है, जो बीज के फैलाव में सहायता करता है।

अभ्यास प्रश्न

  • अन्तःफलभित्ति को परिभाषित करें।
  • फलों में अन्तःफलभित्ति की क्या भूमिका है?
  • ड्रूप और साइट्रस फल के अन्तःफलभित्ति के बीच अंतर बताएँ।
  • सेब और नाशपाती में किस प्रकार का अन्तःफलभित्ति पाया जाता है?
  • फलों में फलभित्ति की परतों के नाम बताएँ और प्रत्येक का संक्षेप में वर्णन करें।

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

1. निम्नलिखित में से किस फल में पथरीला एंडोकार्प होता है?

a) टमाटर

b) आड़ू

c) सेब

d) संतरा

2. संतरे जैसे खट्टे फलों में, एंडोकार्प बनता है:

a) कठोर गड्ढा

b) रसदार गूदा

c) बाहरी छिलका

d) बीज

3. एंडोकार्प का मुख्य कार्य क्या है?

a) बीज की रक्षा करना

b) पानी का भंडारण करना

c) फलों का स्वाद पैदा करना

d) प्रकाश संश्लेषण में सहायता करना