पुनर्विभेदित: Difference between revisions
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यह वह प्रक्रिया है, जिसमें विभेदित कोशिकाएँ अपनी विभाजन क्षमता पुनः प्राप्त करने के बाद एक विशिष्ट कार्य के लिए फिर से विशिष्ट हो जाती हैं। | यह वह प्रक्रिया है, जिसमें विभेदित कोशिकाएँ अपनी विभाजन क्षमता पुनः प्राप्त करने के बाद एक विशिष्ट कार्य के लिए फिर से विशिष्ट हो जाती हैं। | ||
'''उदाहरण:''' संवहनी कैम्बियम से द्वितीयक जाइलम और द्वितीयक फ्लोएम का | '''उदाहरण:''' संवहनी कैम्बियम से द्वितीयक जाइलम और द्वितीयक फ्लोएम का निर्माण, कॉर्क कैम्बियम से कॉर्क कोशिकाएँ बनती हैं।। | ||
कॉर्क कैम्बियम से कॉर्क कोशिकाएँ बनती | |||
== पुनर्विभेदन के उदाहरण == | == पुनर्विभेदन के उदाहरण == | ||
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=== पुनर्जनन === | === पुनर्जनन === | ||
वानस्पतिक प्रसार और खोए हुए भागों को फिर से उगाने की क्षमता का समर्थन करता है। | वानस्पतिक प्रसार और खोए हुए भागों को फिर से उगाने की क्षमता का समर्थन करता है। | ||
== अभ्यास प्रश्न == | |||
* पुनर्विभेदन क्या है, और यह पौधों में विभेदन से किस प्रकार भिन्न है? | |||
* पुनर्वितरित कोशिकाएँ पौधों के विकास और अनुकूलन में क्या भूमिका निभाती हैं? | |||
* पुनर्वितरण पौधों में द्वितीयक वृद्धि में किस प्रकार योगदान देता है, जैसे कि संवहनी ऊतकों में? | |||
* पौधों की घाव भरने की प्रक्रिया में पुनर्विभेदन का क्या महत्व है? |
Latest revision as of 06:51, 24 November 2024
पौधों की वृद्धि और विकास के संदर्भ में पुनर्विभेदन उस घटना को संदर्भित करता है, जिसमें पहले विभेदित की गई कोशिकाएँ पुनः विभाजित होने की क्षमता प्राप्त कर लेती हैं और फिर एक नया कार्य करने के लिए पुनः विभेदित हो जाती हैं।
पौधों की वृद्धि और विकास की मुख्य अवधारणाएँ
1. विभेदन
- यह वह प्रक्रिया है, जिसमें मेरिस्टेम (अविभेदित कोशिकाएँ) से उत्पन्न कोशिकाएँ संरचनात्मक और कार्यात्मक विशेषज्ञता से गुजरती हैं।
- उदाहरण के लिए, जाइलम और फ्लोएम कोशिकाएँ पानी और पोषक तत्वों का संचालन करने के लिए विभेदित होती हैं।
2. पुनर्विभेदन
यह वह प्रक्रिया है, जिसमें विभेदित कोशिकाएँ अपनी विभाजन क्षमता पुनः प्राप्त करने के बाद एक विशिष्ट कार्य के लिए फिर से विशिष्ट हो जाती हैं।
उदाहरण: संवहनी कैम्बियम से द्वितीयक जाइलम और द्वितीयक फ्लोएम का निर्माण, कॉर्क कैम्बियम से कॉर्क कोशिकाएँ बनती हैं।।
पुनर्विभेदन के उदाहरण
संवहनी कैंबियम
पैरेन्काइमा कोशिकाएं संवहनी कैंबियम बनाने के लिए विभेदित होती हैं, जो फिर द्वितीयक जाइलम और फ्लोएम (पुनर्वितरण) बनाती हैं।
कॉर्क कैंबियम
कॉर्टेक्स की विभेदित कोशिकाएं कॉर्क कैंबियम बनाती हैं, जो पुनर्विभेदन के माध्यम से कॉर्क कोशिकाओं का निर्माण करती हैं।
उपचार और पुनर्जनन
जब कोई पौधा घायल होता है, तो घाव के आस-पास की कोशिकाएं विभेदित होती हैं, विभाजित होती हैं और फिर क्षति की मरम्मत के लिए पुनर्विभेदित होती हैं।
पौधों में पुनर्विभेदन का महत्व
द्वितीयक वृद्धि
पुनर्वितरण द्विबीजपत्री पौधों में तनों और जड़ों को मोटा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कैलस ऊतक बनाने में मदद करता है, जो बाद में क्षतिग्रस्त भागों की मरम्मत के लिए पुनर्विभेदित होता है।
अनुकूलनशीलता
ऊतक संरचनाओं को संशोधित करके पौधों को पर्यावरणीय परिवर्तनों के अनुकूल होने की अनुमति देता है।
पुनर्जनन
वानस्पतिक प्रसार और खोए हुए भागों को फिर से उगाने की क्षमता का समर्थन करता है।
अभ्यास प्रश्न
- पुनर्विभेदन क्या है, और यह पौधों में विभेदन से किस प्रकार भिन्न है?
- पुनर्वितरित कोशिकाएँ पौधों के विकास और अनुकूलन में क्या भूमिका निभाती हैं?
- पुनर्वितरण पौधों में द्वितीयक वृद्धि में किस प्रकार योगदान देता है, जैसे कि संवहनी ऊतकों में?
- पौधों की घाव भरने की प्रक्रिया में पुनर्विभेदन का क्या महत्व है?