स्थिर अनुपात का नियम

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यह एक रासायनिक संयोजन का नियम है। तत्वों के संयोजन से यौगिकों का निर्माण होता है। यह निम्न लिखित नियमों के अंतर्गत बताया गया है :

  1. द्रव्यमान - संरक्षण का नियम
  2. स्थिर अनुपात का नियम
  3. गुणित अनुपात का नियम
  4. गै-लूसैक का गैसीय आयतनों का नियम
  5. आवोगाड्रो का नियम

स्थिर अनुपात का नियम फ्रांसीसी रसायनज्ञ प्राउस्ट ने दिया था।

इस नियम के अनुसार, किसी यौगिक में तत्वों के द्रव्यमानों का अनुपात सदैव समान होता है।

स्थिर अनुपात के नियम के अनुसार किसी रासायनिक पदार्थ में तत्व सदैव निश्चित द्रव्यमान अनुपात में उपस्थित होते हैं।

उदाहरण

जल के स्रोत या विधि की परवाह किए बिना, H2O, में  हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का अनुपात हमेशा 1:8 होता है।

इस नियम को बताने के लिए प्राउस्ट ने क्यूप्रिक कार्बोनेट के दो नमूने एक साथ प्रयोग किये , जिनमे से एक नमूना प्राकृतिक था और दूसरा नमूना संश्लेषित था।

जिससे इन्होने यह निष्कर्ष निकाला:

दोनों तत्वों का संघटन समान था।

जैसा की नीचे सारणी में दर्शाया गया है:

नमूना तांबे का प्रतिशत कार्बन का प्रतिशत ऑक्सीजन का प्रतिशत
प्राकृतिक 51.35 9.74 38.91
संश्लेषित 51.35 9.74 38.91

जिससे जोसेफ प्राउस्ट ने निष्कर्ष निकाला कि यौगिक स्रोत पर निर्भर नहीं करता बल्कि किसी यौगिक में उपस्थित तत्व में समान अनुपात में द्रव्यमान पर पाया जाता है। इस नियम को अनेक प्रयोगों द्वारा भी सत्यापित भी किया गया है।

स्थिर अनुपात के नियम को निश्चित संघटन का नियम भी कहते हैं।

अभ्यास प्रश्न