रासायनिक अभिक्रियाशीलता तथा आवर्तिता

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किसी तत्व की आवर्त में स्थित उसके रासायनिक गुणों द्वारा प्रदर्शित होती है। बहुत से कारक आवर्त में स्थित तत्वों की विषेशताएँ बताते हैं जैसे विधुत ऋणात्मकता, परमाणु त्रिज्या और धात्विक लक्षण। आवर्ती गुण रासायनिक तत्वों के गुणों को संदर्भित करते हैं। आवर्त सारणी में तत्वों का रुझान इलेक्ट्रोनगेटिविटी, आयनीकरण ऊर्जा, इलेक्ट्रॉन बंधुता, परमाणु त्रिज्या, धात्विक गुण और रासायनिक अभिक्रियाशीलता जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। आवर्त सारणी में कुछ आवर्ती एवं रासायनिक अभिक्रियाशीलता इस प्रकार हैं:

विधुत ऋणातमकता

किसी अणु के आपस में जुड़कर परमाणु बनाने में इलेक्ट्रॉनों का साझा होता है, इस साझे के इलेक्ट्रॉन युग्म को अपनी ओर आकर्षित करने की प्रवृत्ति विधुत ऋणात्मक्ता कहलाती है। इसका कोई मात्रक नहीं होता। इस पैमाने के अनुसार, फ्लोरीन का मान 4.0 है अतः यह सबसे अधिक विद्युत ऋणात्मक तत्व है और सीज़ियम का मान 0.7 है अतः यह सबसे कम विद्युत ऋणात्मक तत्व है। जैसे-जैसे हम किसी आवर्त में बाएं से दायें ओर बढ़ते हैं, परमाणु आवेश बढ़ता है और परमाणु आकार घटता है, इसलिए आधुनिक आवर्त सारणी में एक आवर्त में विधुत ऋणात्मकता का मान बढ़ जाता है।

वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर विधुत ऋणातमकता का मान घटता जाता है।

उदाहरण

F > Cl > Br > I

किसी भी आवर्त में बायें से दाएं जाने पर विधुत ऋणातमकता का मान बढ़ता जाता है।

B < C < N < O <F