बंधन आणविक कक्षक और प्रतिबंध आणविक कक्षक
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बंधन आणविक कक्षक
परमाणु कक्षकों के अतिव्यापन द्वारा निर्मित आणविक कक्षक को आबंधन आणविक कक्षक कहा जाता है। आबंधित आणविक कक्षकों में, इलेक्ट्रॉनों का घनत्व आबंधित परमाणु के नाभिकों के बीच होता है। आणविक कक्षक सिद्धांत एफ. हुण्ड तथा आर. एस. मुलकिन ने सन 1932 में विकसित किया गया। इस सिद्धांत के मुख्य विषेशताएँ निम्न लिखित हैं :
- जैसे परमाणु में इलेक्ट्रान विभन्न परमाणु कक्षकों में उपस्थित रहते हैं, उसी प्रकार अणु में भी इलेक्ट्रान विभिन्न आणविक कक्षकों में उपस्थित रहते हैं।
- आणविक कक्षक उपयुक्त सममित परमाणु कक्षकों के संयोग से बनते हैं।
- परमाणु कक्षक में कोई इलेक्ट्रान केवल एक ही नाभिक के प्रभाव में रहते हैं, जबकि आणविक कक्षक में उपस्थित इलेक्ट्रान दो या दो से अधिक नाभिकों द्वारा प्रभावित होता है।
- आणविक कक्षक बहुकेंद्रीय होता है।
- दो परमाणु कक्षकों को मिलाने से आणविक कक्षक प्राप्त होता है।