विलायकयोजन समावयवता

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वे दो या दो से अधिक यौगिक जिनके रासायनिक सूत्र समान होते हैं परन्तु परमाणुओं की व्यवस्था भिन्न भिन्न होती है समावयवी कहलाते हैं। परमाणुओं की भिन्न भिन्न व्यवस्था के कारण उपसहसंयोजक यौगिकों में दो प्रमुख प्रकार की उपसहसंयोजक समावयवता प्रदर्शित करते हैं।

  • त्रिविम समावयवता
  • संरचनात्मक समावयवता

त्रिविम समावयवता

त्रिविम समावयवता दो प्रकार के होते हैं।

  1. ज्यामितीय समावयवता
  2. ध्रुवण समावयवता

संरचनात्मक समावयवता

संरचनात्मक समावयवता दो प्रकार के होते हैं।

  1. बंधनी समावयवता
  2. आयन समावयवता
  3. उपसहसंयोजन समावयवता
  4. विलायकयोजन समावयवता

विलायकयोजन समावयवता

जब जल को विलायक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है तो इस प्रकार की समावयवता को हाइड्रेट समावयवता कहते हैं। इसके एक समावयवी में विलायक अणु धातु आयन से लिगंड के रूप में बंधित होता है जबकि दुसरे समावयवी में विलायक अणु संकुल के क्रिस्टल जालक में मुक्त रूप से विधमान होता है।

उदाहरण

एक्वासंकुल [Cr(H2O)6]Cl3 बैंगनी रंग का होता है जबकि इसका विलयकयोजन समावयवी [Cr(H2O)5Cl]Cl2.H2O भूरा - हरा होता है।

अभ्यास प्रश्न

  • समावयवता से आप क्या समझते हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं ?
  • आयनन समावयवता का एक उदाहरण दीजिये।
  • संरचनात्मक समावयवता एवं त्रिविम समावयवता में क्या अंतर् है ?