श्यानता

From Vidyalayawiki

Revision as of 07:42, 13 May 2024 by Shikha (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)

Listen

द्रव अवस्था का एक महत्वपूर्ण गुण द्रवों की श्यानता है। जैसा कि आप जानते हैं कि द्रवों में बहने की प्रवृत्ति होती है और प्रत्येक द्रव में बहने की प्रवर्त्ति में भिन्नता होती है।

उदाहरण

ग्लिसरीन धीरे धीरे बहती है।

द्रव के अणुओं के विस्थापन के विरुद्ध द्रव द्वारा प्रस्तुत घर्षणी प्रतिरोध द्रव की श्यानता कहलाती है। किसी द्रव की श्यानता की परिणात्मक माप उसका श्यानता गुणांक होता है, यह साधारणतः द्रव की श्यानता कहलाती है। श्यानता गुणांक को से प्रदर्शित करते हैं। यदि किसी द्रव की दो निकटवर्ती समांतर परतें एक दूसरे से dx मीटर दूरी पर है और उनके वेग में अंतर dv ms-1है, तो प्रति Am2 पर लगा हुआ घर्षणी बल F,

F = A

जहाँ, द्रव का श्यानता गुणांक कहलाता है।

यूनिट दूरी द्वारा पृथक द्रव की दो समांतर प्लेटों के मध्य वेग का यूनिट अंतर बनाये रखने के लिए प्रति यूनिट क्षेत्रफल आवश्यक बल द्रव का श्यानता गुणांक कहलाता है।  

द्रव की श्यानता ताप पर निर्भर करती है। ताप वृद्धि के साथ द्रव की श्यानता घटती है। श्यानता गुणांक की माप का पारम्परिक यूनिट प्वाज है , जो वैज्ञानिक प्वाजय के नाम पर रखा गया है। श्यानता गुणांक का मात्रक किलोग्राम प्रति मीटर/ सेकंड (kg m-1 s-1) है। का CGS यूनिट gcm-1s-1 है।

श्यानता को प्रभावित करने वाले कारक

श्यानता निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:

अंतरअणुक बल

उच्च अंतरअणुक आकर्षण बल वाले द्रव में प्रवाह का उच्च प्रतिरोध होता है अतः इसकी श्यानता उच्च होगी।

अणुभार

अणुओं का प्रवाह उसके द्रव्यमान के व्युत्क्रमानुपाती होता है। जिस द्रव का अणुभार अधिक होता है उसकी श्यानता भी अधिक होती है।

ताप

ताप में वृद्धि के साथ अंतराणुक बल घटता है अतः ताप में वृद्धि के साथ श्यानता घटती है।

दाब

दाब में वृद्धि के साथ अंतराणुक बल में भी वृद्धि होती है अतः दाब में वृद्धि के साथ द्रव की श्यानता में भी वृद्धि होती है।

अभ्यास प्रश्न

  • श्यानता से आप क्या समझते हैं ?
  • श्यानता को प्रभावित करने वाले कारक बताइये।
  • श्यानता गुणांक की माप का पारम्परिक यूनिट क्या है?