अभिक्रिया की मानक एन्थैल्पी

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परिचय

एन्थैल्पी एक अत्यंत महत्वपूर्ण थर्मोडायनामिक (Thermodynamic) मात्रा है, जो किसी पदार्थ की ऊष्मा (Energy) को संकेत करती है। यह ऊष्मा और यौगिक स्थितियों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करती है, जिससे हम ऊर्जा की विभिन्न प्रकारों के बीच ताप विनिमय को समझ सकते हैं। यह सिस्टम की कुल ऊर्जा को इंगित करता है। एन्थैल्पी की मात्रा ऋणात्मक या घनात्मक है, यह इस पर निर्भर करता है कि सिस्टम में ऊष्मा अवशोषित होती है या विकसित होती है।

रसायन विज्ञान में, अभिक्रिया की मानक एन्थैल्पी (ΔH°) एन्थैल्पी में परिवर्तन है जब किसी पदार्थ का एक मोल मानक परिस्थितियों में अभिक्रिया करता है तब एन्थैल्पी में हुए परिवर्तन को अभिक्रिया की मानक एन्थैल्पी (ΔH°) कहते हैं। मानक स्थितियाँ सामान्यतः 25°C (298.15 K) के ताप और 1 वायुमंडल (1 atm या 101.3 kPa) के दाब को संदर्भित करती हैं। अभिक्रिया की मानक एन्थैल्पी प्रायः kJ/mol की इकाइयों में व्यक्त की जाती है।

परिभाषा

अभिक्रिया की मानक एन्थैल्पी (ΔH°) एन्थैल्पी (ऊष्मा ऊर्जा) में परिवर्तन है, जो मानक परिस्थितियों में रासायनिक अभिक्रिया के दौरान होती है।

संभवन मानक एन्थैल्पी

संभवन की मानक एन्थैल्पी (ΔH°f) वह एन्थैल्पी परिवर्तन है, जब किसी यौगिक का एक मोल उसके तत्वों से उनकी मानक अवस्था में बनता है। तब तत्वों की मानक अवस्था में ΔH°f मान शून्य होता है।

गणना

इसकी गणना उत्पादों की मानक एन्थैल्पी के योग और अभिकारकों की मानक एन्थैल्पी के योग के बीच अंतर के रूप में की जाती है:

ΔH° = Σ(ΔH°f उत्पाद) - Σ(ΔH°f अभिकारक) जहां ΔH°f प्रत्येक पदार्थ के लिए संभवन की मानक एन्थैल्पी का प्रतिनिधित्व करता है।

अभिक्रिया प्रश्न

  • संभवन मानक एन्थैल्पी से आप क्या समझते हैं?
  • किसी अभिक्रिया के लिए अभिक्रिया की मानक स्थितियाँ क्या हैं ?
  • संभवन मानक एन्थैल्पी को किससे प्रदर्शित करते हैं?