आर्थोबोरिक अम्ल

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ऑर्थोबोरिक अम्ल को ही बोरिक अम्ल कहा जाता है। यह एक बोरॉन का यौगिक है। जिसका सामान्य सूत्र H3BO3 है और यह सफ़ेद क्रिस्टलीय ठोस होता है। यह जल में अल्प विलेय, परन्तु गर्म जल में पूर्ण विलेय होता है।

ऑर्थोबोरिक अम्ल बनाने की विधि

बोरेक्स के जलीय विलयन को अम्लीकृत करने पर सर्वप्रथम बोरिक अम्ल प्राप्त होता है। बोरिक अम्ल एक दुर्बल क्षारीय अम्ल है। यह जल के हयड्रोक्सिल आयनों से एक इलेक्ट्रान ग्रहण करता है, तो यह लुइस अम्ल की भाँति व्यवहार करने लगता है।

जब ऑर्थोबोरिकअम्ल को 370 क से अधिक ताप पर गर्म करते हैं तो अर्थओबोरिक अम्ल मेटाबोरिक अम्ल बनाता है, जो उच्च ताप पर गर्म करने पर बोरिक ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है।

 

कोलेमेनाइट को उबलते हुए जल में डालकर विलयन में सल्फर डाइऑक्साइड से गैस प्रवाहित करने पर ऑर्थोबोरिक अम्ल प्राप्त होता है।

ऑर्थोबोरिक अम्ल के गुण

  • ऑर्थोबोरिक अम्ल स्वेत क्रिस्टलीय ठोस होता है।
  • ऑर्थोबोरिक अम्ल ठन्डे जल में अविलेय होता है, परन्तु जल में पूर्ण विलेय है।
  • बोरिक अम्ल को रक्त तप्त करने पर बोरॉन एनहाइड्राइड प्राप्त होता है।

ऑर्थोबोरिक अम्ल एक दुर्बल क्षार है परन्तु यह हयड्रोक्सिल आयनों से एक इलेक्ट्रॉन युग्म ग्रहण करने के लिए लुइस अम्ल की भाँति व्यवहार करता है।

ऑर्थोबोरिक अम्ल के उपयोग

  • ऑर्थोबोरिक अम्ल का उपयोग पूर्तिरोधी के रूप में किया जाता है।
  • इसका उपयोग मिट्टी के बर्तन बनाने में भी किया जा सकता है।
  • कांच उद्योग में कांच के निर्माण में भी इसका उपयोग किया जाता है।