सिलिकॉन
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सिलिकॉन एक कार्ब सिलिकॉन बहुलक का एक वर्ग है, किसका सामान्य सूत्र R2SiO2 होता है। सिलिकॉन R2SiO2 की एक पुनरावृत्ति इकाई है। जो की R2SiO2 पुनरावृत्ति से बनता है। सामान्यतः सिलिकॉन श्रंखलायुक्त वे यौगिक हैं, जिनमें एल्किल अथवा फेनिल समूह सिलिकन परमाणु के शेष बंध स्थितयों पर स्थित होते हैं। ये जलविरोधी होते हैं। सिलिकॉन के निर्माण में प्रथम पद एल्किल व एरिल समूह है। जब 573 K ताप पर मेथिल क्लोराइड, कॉपर उत्प्रेरक की उपस्थित में सिलिकन से क्रिया कराते हैं, तो विभिन्न मेथिल प्रतिस्थापित क्लोरोसिलेन (MeSiCl3, Me2SiCl2, Me3SiCl) तथा सूक्ष्म डाइमेथिल डाइक्लोरो सिलेन (CH3)2SiCl2 के जल अपघटन से संघनन बहुलकीकरण द्वारा शृंखला बहुलक प्राप्त होते हैं।
सिलिकॉन के गुण
- सिलिकॉन अध्रुवीय एल्किल समूह से घिरा रहता है इस कारण इसकी प्रकृति जलप्रतिकर्षी होती है।
- सामान्यतः इनमे उच्च उष्मीय स्थायित्व, उच्च परावैधुत सामर्थ्य तथा रसायनो एवं ऑक्सीकरण के प्रति प्रतिरोधात्मकता का गुण होता है।
- सिलिकॉन के निर्माण में प्रथम पद एल्किल व एरिल समूह है।
- ये संघनन बहुलकीकरण द्वारा बनते हैं।
- सिलिकॉन रासायनिक दृस्टि से निष्क्रिय होते हैं।
- इनकी श्यानता ताप परिवर्तन से प्रभावित नहीं होती।
- सिलिकॉन द्रव और रबर जैसे ठोस पदार्थ होते हैं।
सिलिकॉन के उपयोग
- इसका उपयोग सीलित ग्रीस बनाने में होता है।
- सिलिकॉन का उपयोग जलसह- वस्त्र बनाने में होता है।
- सिलिकॉन शल्य क्रिया प्रसाधन- संयंत्र बनाने में होता है।
- इसका उपयोग विधुतरोधी के रूप में भी किया जाता है।
अभ्यास प्रश्न
- सिलिकॉन का निर्माण किस प्रकार किया जा सकता है?
- सिलिकॉन किस प्रकार के बहुलकीकरण को प्रदर्शित करता है ?
- सिलिकॉन के मुख्य उपयोग क्या क्या हैं ?