प्रति मार्कोनीकॉफ नियम/खराश प्रभाव

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एंटी मार्कोनीकॉफ नियम या खराश प्रभाव को परॉक्साइड प्रभाव भी कहते हैं। इसमें ऑक्सीजन या परॉक्साइड की उपस्थित में असममित एल्कीन पर HBr का योग कराने से ब्रोमीन परमाणु द्विबंध युक्त उस कार्बन से जुड़ता है जिस पर हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या अधिक होती है इस प्रभाव को खराश नामक वैज्ञानिक ने बताया था इसलिए इसे खराश प्रभाव या परॉक्साइड प्रभाव भी कहते हैं।

जैसे

प्रोपीन पर का योग कराने पर 1 - ब्रोमो प्रोपेन बनता है।

खराश प्रभाव या परॉक्साइड प्रभाव

ऑक्सीजन या परॉक्साइड की उपस्थित में असममित एल्कीन पर HBr या HCl एवं HI के साथ अभिक्रिया कराने पर यह योगज अभिक्रिया देता है। इस योगज अभिक्रिया का अध्ययन एम. एस. खराश तथा एफ. आर. मेमो द्वारा सन 1993 में शिकागो विश्वविद्यालय में किया गया। अतः इस अभिक्रिया को परॉक्साइड या खराश प्रभाव या योगज अभिक्रिया कहते हैं।