उत्प्रेरण
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जब किसी रासायनिक अभिक्रिया की गति किसी पदार्थ की उपस्थिति से या तो बढ़ जाती है या कम हो जाती है तो इसे "उत्प्रेरण" कहते हैं। जिस पदार्थ की उपस्थिति से अभिक्रिया की गति बढ़ती है या कम होती है उसे उत्प्रेरक कहते हैं। उत्प्रेरक कभी अभिक्रिया में भाग नहीं लेता, केवल अभिक्रिया की गति को प्रभावित करता है। दूसरे शब्दों में वो रासायनिक पदार्थ जिसकी उपस्थिति के कारण रासायनिक अभिक्रिया की दर बढ़ जाती है या कम हो जाती है लेकिन वह स्वयं रासायनिक अभिक्रिया में भाग नहीं लेता है उसे उत्प्रेरक कहते है और इस प्रक्रिया को उत्प्रेरण कहते है।
उत्प्रेरण के प्रकार
अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक
अवस्था के आधार पर उत्प्रेरक दो प्रकार होते हैं:
- समांगीय उत्प्रेरक
- विषमांगी उत्प्रेरक
समांगीय उत्प्रेरक
समांगीय उत्प्रेरण में उत्प्रेरक और अभिकारक दोनों एक ही भौतिक स्थिति में होती है। ये ठोस, द्रव और गैस तीनों हो सकती है।
उदाहरण
मिथाइल एसीटेट का हाइड्रोलिसिस हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से प्राप्त H+ आयनों द्वारा उत्प्रेरित होता है।
सुक्रोस का जल अपघटन सल्फ्यूरिक अम्ल द्वारा निर्मित H+ आयनों द्वारा उत्प्रेरित होता है।
विषमांगी उत्प्रेरक
जबकि विषमांगी उत्प्रेरण में, उत्प्रेरक और अभिकारकें दोनों की भौतिक स्थिति अलग-अलग होती हैं।
उदाहरण
हैबर विधि में सूक्ष्म रूप से विभाजित आयरन की उपस्थिति में अमोनिया बनाने के लिए नाइट्रोजन और हाइड्रोजन के बीच संयोजन किया जाता है।
निकल चूर्ण उत्प्रेरक की उपस्थिति में वनस्पति तेलों का हाइड्रोजनीकरण।
कार्य के आधार पर उत्प्रेरक
कार्य के आधार पर उत्प्रेरक चार प्रकार के होते हैं:
(i) धनात्मक उत्प्रेरक
उत्प्रेरक जो अभीक्रिया की दर को बढ़ाते है उसे धनात्मक उत्प्रेरक कहते है।
उदाहरण
कोलाइडल प्लैटिनम की उपस्थिति में H2O2 का विघटित होना।
(ii) ऋणात्मक उत्प्रेरक
उत्प्रेरक जो अभीक्रिया की दर को कम कर देता है उसे ऋणात्मक उत्प्रेरक कहते है।
उदाहरण
क्लोरोफॉर्म का ऑक्सीकरण रोकने के लिए उसमे कुछ एल्कोहल मिला दिया जाता है।
(iii) स्वतः उत्प्रेरक
जब किसी भी रासायनिक अभीक्रिया के दौरान कोई उत्पाद निर्मित होता है और वह उस रासायनिक अभीक्रिया के लिए उत्प्रेरक का कार्य करता है तो उसे स्वतः उत्प्रेरक कहा जाता है।
उदाहरण
एथिल एसीटेट के हाइड्रोलिसिस में एसिटिक अम्ल और एथिल एल्कोहल बनता है। अभिक्रिया शुरू में बहुत धीमी होती है लेकिन धीरे-धीरे इसकी दर बढ़ती जाती है, ऐसा एसिटिक अम्ल के निर्माण के कारण होता है जो इस अभिक्रिया में स्वउत्प्रेरण के रूप में कार्य करता है।
(iv) प्रेरित उत्प्रेरक
जब किसी भी रासायनिक अभीक्रिया का उत्पाद किसी अन्य रासायनिक अभीक्रिया के लिए उत्प्रेरक के जैसा काम करता है तो इसे प्रेरित उत्प्रेरक कहा जाता है।
उदाहरण
सोडियम आर्सेनाइट विलयन हवा से ऑक्सीकृत नहीं होता है। हालाँकि, यदि हवा को सोडियम आर्सेनाइट और सोडियम सल्फाइट के विलयन के मिश्रण में भेजा जाता है, तो दोनों एक साथ ऑक्सीकरण करते हैं।