हेनरी नियम

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हेनरी का नियम गैस अवस्था पर लागू होता है जो बताता है कि किसी द्रव में घुली हुई गैस की मात्रा स्थिर ताप पर द्रव के ऊपर उस गैस के आंशिक दाब के समानुपाती होती है। गैस का आंशिक दाब जितना अधिक होगा, द्रव में उसकी घुलनशीलता उतनी ही अधिक होगी।

हेनरी के नियम के अनुसार,

  • P' द्रव के ऊपर वायुमंडल में गैस के आंशिक दबाव को दर्शाता है।
  • 'C' घुली हुई गैस की सांद्रता को दर्शाता है।
  • 'kH ' गैस का हेनरी नियम स्थिरांक है।

हेनरी का नियम स्थिरांक mol L-1bar-1 में व्यक्त किया जाता है ।

उदाहरण

293 K के तापमान पर कार्बन डाइऑक्साइड के लिए kH का मान 2.010 3 atm Lmol -1 है । किस आंशिक दाब पर गैस की घुलनशीलता (पानी में) M होगी?

kH = 2.010 3 atm Lmol -1

C = M

P = 2.010 3 atm Lmol -1 mol L-1

P =0. 4 atm

हेनरी के नियम स्थिरांक को प्रभावित करने वाले कारक

किसी गैस के लिए हेनरी नियम स्थिरांक का मान निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करता है:

  • विलायक की प्रकृति
  • तापमान एवं दबाव
  • गैस की प्रकृति

अलग-अलग गैसों के लिए हेनरी नियम स्थिरांक भिन्न भिन्न होता है।

हेनरी के नियम की सीमाएँ

  • यह नियम तब लागू होता है जब बर्तन के अणु साम्यावस्था में होते हैं।
  • यह नियम तब लागू नहीं होता जब गैस और विलयन एक दूसरे के साथ रासायनिक अभिक्रिया करते हैं।
  • जब गैसों को उच्च दाब दिया जाता है तो हेनरी का नियम लागू नहीं होता है।