विधुत अपघट्य

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वे पदार्थ जिनको जल में घोलने पर यह अपने आयनों में विभाजित हो जाते है वैधुत अपघट्य पदार्थ कहलाते हैं। इससे धनायन और ऋणायन प्राप्त होते हैं। जब किसी लवण के जलीय विलयन में विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तो विलयन का धनात्मक व ऋणात्मक आयनों में अपघटन हो जाता है। इस घटना को वैधुत अपघट्यन कहते हैं।

जब किसी विद्युत अपघट्य लवण का जलीय विलयन बनाते हैं, तो लवण दो प्रकार के आयनों में टूट जाता है। इन आयनों पर विपरीत प्रकार के आवेश होते हैं। जिन आयनों पर धन-आवेश होता है, उन्हें ‘धनायन’ कहते हैं तथा ऋणावेश वाले आयनों को ‘ऋणायन’ कहते हैं। जिस उपकरण में लवणों (Salts) के जलीय विलयनों का विद्युत अपघटन होता है उसे वोल्टामीटर’ (Voltameter) कहते हैं।

उदाहरण

वैधुत अपघट्य एक ऐसा पदार्थ है जो अपने जलीय विलयन में अपने आयन में वियोजित हो जाता है। धनावेशित आयनों को धनायन कहा जाता है।ऋणावेशित आयनों को ऋणायन आयन कहा जाता है।

आयनों के प्रवाह के कारण वैधुत अपघट्य्स पदार्थ बिजली के अच्छे चालक होते हैं।

उदाहरण: NaCl (सोडियम क्लोराइड), HCl (हाइड्रोजन क्लोराइड), NaOH (सोडियम हाइड्रॉक्साइड), CH3COOH (एसिटिक एसिड), NH4OH (अमोनियम हाइड्रॉक्साइड), आदि।

वैधुत अपघट्य पदार्थ के प्रकार

वैधुत अपघट्य पदार्थ दो प्रकार के होते हैं:

  • प्रबल वैधुत अपघट्य
  • दुर्बल वैधुत अपघट्य

प्रबल वैधुत अपघट्य

वे वैधुत अपघट्य होते हैं जो पूरी तरह से आयनित होते हैं। इन वैधुत अपघट्य में आयनीकरण की उच्च आयनन एन्थैलपी होने के कारण उच्च विद्युत चालकता होती है।

जैसे - सोडियम क्लोराइड, पोटेशियम क्लोराइड, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, पोटेशियम हाइड्रॉक्साइड।

दुर्बल वैधुत अपघट्य

दुर्बल वैधुत अपघट्य वे वैधुत अपघट्य होते हैं जो आंशिक रूप से आयनित होते हैं। इन वैधुत अपघट्य में आयनीकरण की निम्न आयनन एन्थैलपी होने के कारण  विद्युत चालकता भी निम्न होती है।

जैसे, ऑक्सालिक एसिड, फॉर्मिक एसिड, एसिटिक एसिड, अमोनियम हाइड्रॉक्साइड, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड।

अभ्यास प्रश्न

  • वैधुत अपघट्य पदार्थ से आप क्या समझते हैं ?
  • वैधुत अपघट्य पदार्थ कितने प्रकार के होते हैं ?
  • प्रबल वैधुत अपघट्य को उदाहरण द्वारा समझाइये।