जेल्डाल विधि

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जेल्डाल विधि का उपयोग कार्बनिक यौगिकों में उपस्थित नाइट्रोजन के आकलन के लिए किया जाता है। इस विधि में दिए गए कार्बनिक यौगिक को K2SO4 की उपस्थिति में, सान्द्र H2SO4 के साथ उबाला जाता है जिसके कारण समस्त नाइट्रोजन, (NH4)2SO4 में परिवर्तित हो जाता है। इस विधि में नाइट्रोजन युक्त यौगिक को सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म किया जाता है। जिससे नाइट्रोजन, अमोनियम सल्फेट में परिवर्तित हो जाता है तब प्राप्त अम्लीय मिश्रण को सोडियम हाइड्रॉक्साइड के आधिक्य के साथ गर्म किया जाता है तो अमोनिया गैस मुक्त होती है, जिसे मानक सल्फुरिक अम्ल विलयन के ज्ञात आयतन में अवशोषित कर लिया जाता है। उसके उपरान्त सल्फ्यूरिक अम्ल को क्षार के मानक विलयन द्वारा अनुमापित कर लिया जाता है। अम्ल की प्रारंभिक मात्रा और शेष मात्रा के बीच के अंतर् से अमोनिया के साथ अभिकृत अम्ल की मात्रा प्राप्त होती है।

नाइट्रोजन के आकलन करने की विधियां

नाइट्रोजन के आकलन करने की निम्न लिखित विधियां हैं।  

  • जेल्डाल विधि
  • ड्यूमा विधि

नाइट्रोजनयुक्त नाइट्रो समूह, एजो समूह और वलय में उपस्थित नाइट्रोजन जैसे पिरीडीन में जेल्डाल विधि लागू नहीं होती है क्योकी इनमे उपस्थित नाइट्रोजन अमोनियम सल्फेट में परिवर्तित नहीं होते हैं।

उदाहरण

नाइट्रोजन आकलन की विधि में 0.4 gm यौगिक में मुक्त अमोनिया 10 ml 1 M H2SO4 को उदासीन करती है। तो यौगिक में उपस्थित नाइट्रोजन की प्रतिशतता ज्ञात कीजिये।

1 M 10 ml H2SO4 = 1M 20 ml NH3

1000 ml 1 M अमोनिया में उपस्थित नाइट्रोजन = 14 gm

अतः 20 ml 1 M अमोनिया में उपस्थित नाइट्रोजन

= नाइट्रोजन

अतः नाइट्रोजन की प्रतिशतता

=

= 70.0 %