अन्तः केंद्रित घनीय एकक कोष्ठिका

From Vidyalayawiki

Revision as of 10:48, 4 April 2024 by Shikha (talk | contribs)

एक अंत: केंद्रित घनीय (BCC) एकक कोष्ठिका में एक परमाणु घन के प्रत्येक कोने पर उपस्थित होता है और साथ ही एक अतिरिक्त परमाणु घन के केंद्र पर उपस्थित होता है। अंत: केंद्र का परमाणु पूर्णतया उस एकक कोष्ठिका से सम्बंधित होता है जिसमें वह उपस्थित होता है।

BCC unit cell


इस प्रकार से एक अन्तः केंद्रित एकक कोष्ठिका में :

8 परमाणु 8 कोने पर उपस्थित होते हैं अतः

8 कोने प्रति कोना परमाणु  = = 1 परमाणु

1 अंत: केंद्र परमाणु = परमाणु

प्रति एकक कोष्ठिका में परमाणुओं की कुल संख्या = 2 परमाणु

जालक बिंदु किसी ठोस के एक-एक अवयवी कण को दर्शाता है। किसी भी क्रिस्टलीय ठोस की आकृति के लिए जालक बिंदु उत्तरदायी होते हैं। ठोस अवयवी कणों से मिलकर बना होता है, यह अवयवी कण परमाणु, अणु या आयन होते हैं। ये अवयवी कणों के आपस में जुड़ने से बनता है यह जालक बिंदुओं का एक समुच्चययी ढांचा होता है, जिसे क्रिस्टल जालक कहलाता है।

क्रिस्टल जालक ठोस के मुख्य लक्षण अवयवी कणों का एक नियमित क्रम और एक व्यवस्थित क्रम होता है। क्रिस्टल में अवयवी कणों की त्रिविमीय व्यवस्था को आरेख रूप में निरूपित करके दर्शाए गए प्रत्येक बिंदुओं की व्यवस्था को क्रिस्टल जालक कहते हैं। सरल अर्थों में बिंदुओं की नियमित त्रिविमीय व्यवस्था को क्रिस्टल जालक कहते हैं।