पाउली अपवर्जन सिद्धांत
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एक परमाणु में प्रत्येक इलेक्ट्रॉन को चार क्वांटम संख्याओं के एक सेट द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। पाउली के अपवर्जन सिद्धांत के अनुसार किन्हीं भी दो इलेक्ट्रॉनों के लिए चारों क्वांटम संख्याओं के मान एक समान नहीं हो सकते, यदि n,l, m के मान एक समान हो भी जाएँ तो s का मान अवश्य भिन्न होगा।
इस सिद्धांत को नाइट्रोजन का उदाहरण लेकर स्पष्ट किया जा सकता है।
N7 = 1S2 : 2S2 : 2P3
= 1S2 : 2S2 : 2Px1 2Py1 2Pz1
=
सात इलेक्ट्रॉनों में से किन्हीं दो के चारों क्वांटम संख्याओं के मान समान नहीं होते हैं। इस सिद्धांत की सहायता से, मुख्य ऊर्जा कोशों और उपकोशों में समायोजित किए जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या की गणना करना संभव है।
Principle
Q.No. 'n' |
Azimuthal
Q.No. 'l' |
Magnetic
Q.No. 'm' |
Spin
Q.No. 's' |
No. of electrons
on a subshell |
No. of electrons
on a main shell |
---|---|---|---|---|---|
1 | 0(s) | 0 | +1/2, -1/2 | 2 | 2 |
2 | 0(s)
1(p) |
0
-1 0 +1 |
+1/2, -1/2
+1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 |
2
6 |
8 |
3 | 0(s)
1(p) 2(d) |
0
-1 0 +1 -2 -1 0 +1 +2 |
+1/2, -1/2
+1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 |
2
6 10 |
18 |
4 | 0(s)
1(p) 2(d) 3(f) |
0
-3 -2 -1 0 +1 +2 +3 |
+1/2, -1/2
+1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 +1/2, -1/2 |
2
6 10 14 |
32 |