आबंध लम्बाई

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किसी अणु में आबन्धित परमाणुओं के नाभिकों के बीच साम्यावस्था दूरी "आबंध लम्बाई" कहलाती है। बंध की लंबाई एक अणु में दो रासायनिक रूप से बंधे परमाणुओं के नाभिक के बीच की दूरी का माप है। यह दो बंधे हुए परमाणुओं की सहसंयोजक त्रिज्याओं के योग के लगभग बराबर है।

आबंध लंबाई ज्ञात करने की विधि

आबंध लंबाई ज्ञात करने की विधि निम्न-लिखित है:

  • एक्स किरण विवर्तन
  • इलेक्ट्रॉन विवर्तन
  • न्यूट्रॉन विवर्तन

आबन्धित युग्म का प्रत्येक परमाणु आबंध-लम्बाई में योगदान देता है, सहसंयोजी आबंध में प्रत्येक परमाणु का योगदान उस परमाणु की सहसंयोजक त्रिज्या कहलाती है।

बंध की लंबाई में आवर्ती गुण

बंध की लंबाई भाग लेने वाले परमाणुओं की परमाणु त्रिज्या के सीधे समानुपाती होती है। जैसे जैसे परमाणु का आकार बढ़ता है वैसे वैसे बंध लम्बाई भी बढ़ती है। अतः वर्ग में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का आकार बढ़ता जाता है वैसे वैसे बंध लम्बाई भी बढ़ती जाती है। किसी आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु का आकर कम होता जाता है वैसे-वैसे बांध लम्बाई कम होती जाती है।