संपोषित प्रबंधन
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संपोषित प्रबंधन अथवा सतत प्रबंधन को ऐसे प्रबंधन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जो संसाधन के उपयोग को इस तरह से नियंत्रित करता है कि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना भविष्य की पीढ़ियों के साथ-साथ वर्तमान पीढ़ी को भी इसकी न्यायसंगत और निरंतर उपलब्धता प्रदान की जा सके।
संपोषित अथवा सतत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की आवश्यकता
- समान वितरण - संसाधनों का समान वितरण और उन्हें कुछ लोगों के बजाय समाज के सभी वर्गों के लिए उपलब्ध कराना। अन्यथा उद्यमी संसाधनों के अधिकतम हिस्से का उपयोग करेगा।