आयनिक लवणों की विलेयता पर सम आयन प्रभाव
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दो वैधुतअपघट्यों में जो आयन समान होता है उसे सम-आयन कहते हैं। सम-आयन की उपस्थिति में दुर्बल वैधुतअपघट्य की आयनन की मात्रा घट जाती है। सम-आयन के इस प्रभाव को सम-आयन प्रभाव कहते हैं। जब दुर्बल वैधुतअपघट्य लवण (कम घुलनशीलता वाला एक आयनिक यौगिक) ऐसे विलयन में मिलाया जाता है जिसमें पहले से ही इसका एक घटक आयन उपस्थित होता है, तो लवण की घुलनशीलता कम हो जाती है। इसेसम-आयन प्रभाव के रूप में जाना जाता है।
उदाहरण
ऐसीटिक अम्ल(CH3COOH) और सोडियम एसीटेट(CH3COONa) में एसीटेट आयन सम-आयन है।