AP का nवाँ पद

From Vidyalayawiki

Revision as of 21:16, 14 September 2023 by Jaya agarwal (talk | contribs)

आइए हम जानते हैं कि अर्थमैटिक प्रोग्रेशन ( arithmetic progression) अर्थात समांतर श्रेढ़ी का क्या मतलब होता है? संख्याओं का एक क्रम या श्रृंखला , जिसमें दो क्रमागत संख्याओं ( consecutive terms ) के बीच का सार्व अंतर (common difference) स्थिर ( constant) रहता है,ऐसी क्रम या श्रृंखला को हम समांतर श्रेढ़ी कहते हैं ।

उदाहरण

उपर्युक्त उदाहरणों में, प्रत्येक अगला पद पूर्ववर्ती पद में एक निश्चित संख्या जोड़कर प्राप्त किया गया है । उपर्युक्त उदाहरणों में दो क्रमागत पदों का अंतर नियत है, अतः यह  समांतर श्रेढ़ी का उदाहरण है ।

समान्तर श्रेढ़ी का n वाँ पद

इसे ज्ञात करने के लिए हम सार्व अंतर को से गुणा करेंगे और फिर पहले पद अर्थात a में जोड़ेंगे ।

समांतर श्रेढ़ी के n वाँ पद का सूत्र ( Formula for nth term of an AP)

यहाँ, = पद

पहला पद

पदों की संख्या

सार्व अंतर

उदाहरण 1: -

1) समान्तर श्रेढ़ी का पद ज्ञात कीजिये।

हल

यहाँ, पहला पद

सार्व अंतर

पदों की संख्या     9 वां पद (a9) =?

n वाँ पद के सूत्र द्वारा,   an = a + (n – 1)d

a9 = 12 + (9 – 1)6

a9 = 12 + (8)6 = 12 + 48

a9 =60

अर्थात , दी गई समान्तर श्रेढ़ी का 9वां पद 60 है।                                

उदाहरण 2 :-

समान्तर श्रेढ़ी 8, 12, 16 ……… .. का कौन सा पद 400 है?

हल –

प्रथम पद (a) = 4,

सार्व अंतर (d) = 12- 8 = 4

n वाँ पद (an) = 400, पदों की संख्या (n) =?

सूत्र ,    an = a + (n – 1)d

400= 8 + (n – 1)4

400 – 8 = 4n – 4

392 = 4n – 4

392 + 4 = 4n

4n = 396

n = 396/4

n = 99

अर्थात, दी गई समांतर श्रेढ़ी में कुल 99 पद हैं ।

अभ्यास प्रश्न:-

1. समांतर श्रेढ़ी 2, 7 ,12 ...... का दसवां पद क्या होगा?

2. समांतर श्रेढ़ी 21, 18, 15 .......का कौन सा पद - 87 होगा?