सोडियम एवं पोटैशियम की जैव उपयोगिता

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मानव शरीर में सोडियम और पोटेशियम की मात्रा आयरन और कॉपर से अधिक होती है, जिन पर मानव आहार में मुख्य ध्यान दिया जाता है। ये जैविक रूप से महत्वपूर्ण यौगिक कोशिका की छत के नीचे बिजली जनरेटर का कार्य करते हैं। वे मांसपेशियों के लचीलेपन आदि जैसी जानकारी प्रसारित करने के लिए संचार एजेंट के रूप में कार्य करते हैं। कोशिका झिल्ली के दोनों ओर आयनों की सांद्रता भिन्न-भिन्न होती है। रक्त के प्लाज्मा में पोटेशियम की मात्रा 5 mmolL-1 और सोडियम की मात्रा 143 mmolL-1 है।

सोडियम का उपयोग

सोडियम आयन सामान्यतः रक्त प्लाज्मा और अंतरालीय द्रव पदार्थ में कोशिकाओं की सतह पर पाए जाते हैं जो कोशिका के चारों ओर कार्य करते हैं। इनका मुख्य रूप से सूचना प्रसारित करने, कोशिका के भीतर शर्करा और एमीनो अम्ल के परिवहन आदि में उपयोग किया जाता है।

पोटैशियम का उपयोग

पोटेशियम आयन एक धनायन हैं और वे कोशिका द्रव्य में उपस्थित होते हैं। इसका उपयोग एंजाइमों को सक्रिय करने में तथा शर्करा के ऑक्सीकरण के लिए किया जाता है और यह सूचना प्रसारित करने के लिए भी जिम्मेदार है।

संचालन में सोडियम और पोटेशियम की भूमिका

अपने शुद्ध रूप में जल में बिजली संचालित करने की क्षमता नहीं होती है। शरीर में उपस्थित अन्य वैधुतअपघट्य के साथ सोडियम और पोटेशियम आयन जल के माध्यम से बिजली के संचालन के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये आयन कोशिका से इधर-उधर घूमते रहते हैं जिससे बिजली का संचालन करते हैं। उचित वैधुतअपघट्य संतुलन मानव शरीर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।