आयन

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जब किसी कण पर कोई आवेश होता है तो उन्हें आयन कहते हैं "परमाणु अथवा परमाणुओं का वह समूह जिस पर कोई आवेश विधमान होता है आयन कहलाते हैं ये धनावेशित अथवा ऋणावेशित दोनों हो सकते हैं"।

उदाहरण: Na+, Ca+2, K+, Al+3 , Cl - ,Br-

आयन के प्रकार

धातु एवं अधातु युक्त आवेशित यौगिक आयन कहलाते हैं। आयन दो प्रकार के होते हैं:

  1. धनायन: वे आयन जो धनावेशित होते हैं धनायन कहलाते हैं। एक धनायन में इलेक्ट्रॉनों की तुलना में अधिक प्रोटॉन होते हैं, फलस्वरूप उस पर एक धन आवेश होता है। एक धनायन बनाने के लिए आयन, एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉनों को बाहर निकाल देता है, उदाहरण सिल्वर (Ag) एक इलेक्ट्रॉन निकालकर Ag+ बन जाता है, जबकि जिंक (Zn) दो इलेक्ट्रॉन निकालकर Zn2+ बन जाता है।
  2. ऋणायन: आयनों में प्रोटॉन की तुलना में अधिक इलेक्ट्रॉन होते हैं, फलस्वरूप इसे ऋणात्मक आवेश देते हैं। एक आयन बनाने के लिए, एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों को प्राप्त किया जाना चाहिए। प्राप्त इलेक्ट्रॉनों की संख्या, और इसलिए आयन का आवेश, रासायनिक प्रतीक के बाद इंगित किया जाता है, उदाहरण क्लोरीन (Cl) एक इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके Cl- बन जाती है, जबकि सल्फर (S) दो इलेक्ट्रॉन प्राप्त करके S2- बन जाती है।

दो आयन मिलकर एक यौगिक का निर्माण करते हैं उदाहरण के लिए AgCl में एक धनावेशित आयन और एक ऋणावेशित आयन उपस्थित होता है धनावेशित आयन Ag+ है और ऋणावेशित आयन Cl- है, बिलकुल ऐसे ही अगर CaCl2 की बात की जाये तो CaCl2 भी दो आयनों से मिलकर बना होता है जिसमे धनावेशित आयन Ca+2 और ऋणावेशित आयन Cl- होता है।

बहुपरमाणुक आयन

परमाणुओं के समूह जिन पर नेट आवेश विद्यमान होता है उसे बहुपरमाणुक आयन कहते हैं।

उदाहरण: कार्बोनेट आयन CO3-2 सल्फेट आयन SO4-2

आइये कार्बोनेट आयन से बनने वाले यौगिकों के बारे में जानते हैं

उदाहरण: सोडियम सल्फेट Na2SO4

कैल्सियम सल्फेट CaSO4

अमोनियम आयन NH4+
हाइड्रॉक्साइड आयन OH-

यौगिकों के आयनन

किसी भी यौगिकों का आयनन करने के लिए उसका वैधुत अपघटन किया जाता है।  

उदाहरण: AlCl3 का वैद्युत अपघटन करने पर निम्नलिखित आयन प्राप्त होते हैं:

AlCl₃   Al³⁺   +   3Cl⁻

AlCl₃ →  Al³⁺   +   3Cl⁻