डेनियल सेल

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डेनियल सेल एक प्रकार का वैधुत रासायनिक सेल है जिसका आविष्कार 1836 में ब्रिटिश रसायनज्ञ जॉन फ्रेडरिक डेनियल ने किया था। इसमें दो अर्ध-सेल होती हैं: एक कॉपर अर्ध-सेल और एक ज़िंक अर्ध-सेल, प्रत्येक अपने स्वयं के वैधुत अपघट्य  विलयन में डूबा हुआ होता है। डेनियल सेल अपनी विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है और ऐतिहासिक रूप से इसका उपयोग प्राथमिक बैटरी के रूप में किया जाता था।

डेनियल सेल के घटक

कॉपर अर्ध-सेल

इलेक्ट्रोड: कॉपर (Cu)

वैधुत अपघट्य: कॉपर सल्फेट विलयन (CuSO4)

जिंक अर्ध-सेल

इलेक्ट्रोड: जिंक (Zn)

वैधुत अपघट्य: जिंक सल्फेट विलयन (ZnSO4)