निर्जीव
From Vidyalayawiki
पत्थर, मोमबंती , कार , जहाज , स्कूटर , पंखा आदि निर्जीव होते है। इनमें जैविक क्रियायें नही होती और न ही ये वृद्धि करते हैं।
लक्षण | सजीव | निर्जीव | |
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आकृति | सजीवों की आकृति निश्चित होती है। | निर्जीव वस्तुओं की कोई निश्चित आकृति नहीं होती है। | |
संरचना का कोशिकीय आधार | सजीवों का शरीर एक अथवा अनेक कोशिकाओं का बना होता है। तथा कोशिका मे जीव द्रव्य पाया जाता है। | इनकी संरचना कणों के जुड़ने से होती है। | |
पोषण | प्रत्येक जीवधारी को अपनी शारीरिक क्रियाओं के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है। | इनको भोजन की आवश्यकता नहीं होती है। | |
वृद्धि | सजीव में आन्तरिक वृद्धि होती है। | इनमें बाह्य वृद्धि होती है। | |
श्वसन | सजीवों में श्वसन क्रिया होती है जिसके फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। | इनमें श्वसन क्रिया नहीं होती है। | |
उपापचय | इनमें क्रियायें होती हैं। | इनमें ऐसी क्रियायें नहीं होती हैं। | |
उत्सर्जन | सजीवों के शरीर में उपापचय क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न बेकार एवं हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं। | इनमें यह क्रिया नहीं होती। | |
गति | सजीवों में गति होती है। | निर्जीवों में गति नहीं होती है। | |
उत्तेजन | इनमें बाह्य उद्दीपनों के प्रति प्रतिक्रिया करने की क्षमता होती है। | इनमें इसका अभाव होता है। | |
प्रजनन करने की क्षमता | सजीव अपने जैसे जीवों को उत्पन्न करते हैं। | इनमें ऐसी क्षमता नहीं होती है। | |
जीवन-चक्र | इनमें निश्चित जीवन-चक्र होता है। | इनमें ऐसा नहीं होता है। | |
शारीरिक संगठन | जीवों में शारीरिक संगठन कोशिका, ऊतक, अंग, अंगतन्त्रों से होता है । | इनके आकार का गठन इनके तत्वों से होता है। विभिन्न धातुओं के बने भागों से स्कूटर, रेल, कार, जहाज की रचना होती है। |