अवशोषण
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अवशोषण वह प्रक्रम है, जिसमें एक पदार्थ के अणु, परमाणु एवं आयनिक योगिक किसी दूसरे पदार्थ के अन्दर प्रवेश कर जाते हैं और समान रूप से वितरित हो जाते हैं, अवशोषण कहलाते है। यह अधिशोषण से अलग घटना है क्यूंकि अधिशोषण में तो किसी पदार्थ के कण दुसरे पदार्थ की सतह पर जमने लगते है, अधिशोषण में कोई भी कण दूसरे पदार्थ के अन्दर प्रवेश नहीं करते है अर्थात अधिशोषण एक सतही घटना होती है लेकिन अवशोषण में तो दूसरे पदार्थ के कण अन्य पदार्थ के अन्दर प्रवेश करते है। द्रवों और गैसों को अवशोषित करने वाले पदार्थ को 'अवशोषक' कहा जाता है।
अर्थात अवशोषण में अधिशोष्य के कण, अधिशोषक में अन्दर चले जाते है।
उदाहरण : जब एक स्पंज को जल में डुबोया जाता है तो जल की बूंदे समान रूप से इस स्पंज में प्रवेश करते है ,इस घटना को अवशोषण कहते है।
अधिशोषण, अवशोषण में अंतर
अधिशोषण, अवशोषण में अंतर निम्न - लिखित है -
अवशोषण
(i) इस प्रक्रिया में एक पदार्थ दूसरे पदार्थ में समान रूप से वितरित रहते हैं।
(ii) इसमें सम्पूर्ण पदार्थ में सान्द्रण समान रहता है।
(iii) अवशोषण समान गति से होता है।
अधिशोषण
(i) इस प्रक्रिया में एक पदार्थ दूसरे के सतह पर स्थित होते हैं।
(ii) इसमें सतह पर अंदर की अपेक्षा सान्द्रण अधिक होता है।
(iii) अधिशोषण प्रारम्भ में तीव्र गति से होता है पर जब उसमे रिक्त सतह नहीं रहता। है तो वह धीमी गति से होता है।
अवशोषण के उदाहरण
- स्टार्च द्वारा आयोडीन का अवशोषण
- CaCl2 द्वारा जल का अवशोषण
- किशमिश द्वारा जल का अवशोषण
अभ्यास प्रश्न
- अधिशोषण, अवशोषण में अंतर बताइये।
- अवशोषण से आप क्या समझते हैं?
- अधिशोषण से आप क्या समझते हैं?