हेलोऐल्केन

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एल्केनों के मोनोहैलोजन व्युत्पन्न ऐल्किल हैलाइड या हैलोएल्केन कहलाते हैं। ऐल्किल हैलाइडों का समान्यसूत्र है जहाँ R ऐल्किल समूह को और X क्लोरीन, ब्रोमीन या आयोडीन परमाणु को निरूपित करता है।  

सूत्र साधारण नाम I.U.P.A.C. नाम
CH3Cl मेथिल क्लोराइड क्लोरो मेथेन
CH3CH2Cl एथिल क्लोराइड क्लोरो एथेन
CH3CH2CH2Cl प्रोपिल क्लोराइड क्लोरो प्रोपेन

एल्किल हैलाइड बनाने की सामान्य विधियां

एल्केनों के हैलोजनीकरण द्वारा

एल्केन सूर्य के प्रकाश की उपस्थित में उच्च ताप पर  हैलोजनीकरण द्वारा प्रतिस्थापन अभिक्रिया देता है।

एल्कीनों में हाइड्रोजन हैलाइडों के योग द्वारा

एल्कीनें हाइड्रोजन हैलाइडों के साथ योगात्मक अभिक्रिया द्वारा एल्किल हैलाइड बनाते हैं।

मार्कोनीकॉफ नियम

असममित एल्कीन पर हाइड्रोजन हैलाइडों का योग मार्कोनीकॉफ नियम के अनुसार होता है।

परॉक्साइड प्रभाव या खैराश प्रभाव

परॉक्साइड की उपस्थित में असममित एल्कीन पर हाइड्रोजन हैलाइडों का योग मार्कोनीकॉफ नियम के खैराश प्रभाव कहते हैं।

एल्कोहल की हाइड्रोजन हैलाइडों के साथ अभिक्रिया

एल्कोहल की हाइड्रोजन हैलाइडों के साथ अभिक्रिया करके ऐल्किल हैलाइड बनाते हैं।

एल्कोहल की फॉस्फोरस हैलाइडों के साथ अभिक्रिया

एल्कोहल की फॉस्फोरस पेंटाक्लोराइडों के साथ अभिक्रिया कराने पर एल्किल क्लोराइड प्राप्त होता है।

एल्कोहल की थायोनिल क्लोराइड के साथ अभिक्रिया

एल्कोहल की थायोनिल क्लोराइड के साथ अभिक्रिया कराने पर एल्किल क्लोराइड प्राप्त होता है।