निर्जीव

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पत्थर, मोमबंती , कार , जहाज , स्कूटर , पंखा आदि निर्जीव होते है। इनमें जैविक क्रियायें नही होती और न ही ये वृद्धि करते हैं। निर्जीव वस्तुएँ में जीवन नहीं होता है और यह जीवन क्रियाओं में भाग नहीं लेती हैं। निर्जीव वस्तुओं के प्रमुख लक्षणों में अजीवता, असंवेदना, और  अक्रियाशीलता शामिल होते हैं।

उदाहरण

पत्थर, पानी, बिजली

लक्षण सजीव निर्जीव
आकृति सजीवों की आकृति निश्चित होती है। निर्जीव वस्तुओं की कोई निश्चित आकृति नहीं होती है।
संरचना का कोशिकीय आधार सजीवों का शरीर एक अथवा अनेक कोशिकाओं का बना होता है। तथा कोशिका मे जीव द्रव्य पाया जाता है। इनकी संरचना कणों के जुड़ने से होती है।
पोषण प्रत्येक जीवधारी को अपनी शारीरिक क्रियाओं के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है। इनको भोजन की आवश्यकता नहीं होती है।
वृद्धि सजीव में आन्तरिक वृद्धि होती है। इनमें बाह्य वृद्धि होती है।
श्वसन सजीवों में श्वसन क्रिया होती है जिसके फलस्वरूप ऊर्जा मुक्त होती है। इनमें श्वसन क्रिया नहीं होती है।
उपापचय इनमें क्रियायें होती हैं। इनमें ऐसी क्रियायें नहीं होती हैं।
उत्सर्जन सजीवों के शरीर में उपापचय क्रियाओं के फलस्वरूप उत्पन्न बेकार एवं हानिकारक पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं। इनमें यह क्रिया नहीं होती।
गति सजीवों में गति होती है। निर्जीवों में गति नहीं होती है।
उत्तेजन इनमें बाह्य उद्दीपनों के प्रति प्रतिक्रिया करने की क्षमता होती है। इनमें इसका अभाव होता है।
प्रजनन करने की क्षमता सजीव अपने जैसे जीवों को उत्पन्न करते हैं। इनमें ऐसी क्षमता नहीं होती है।
जीवन-चक्र इनमें निश्चित जीवन-चक्र होता है। इनमें ऐसा नहीं होता है।
शारीरिक संगठन जीवों में शारीरिक संगठन कोशिका, ऊतक, अंग, अंगतन्त्रों से होता है । इनके आकार का गठन इनके तत्वों से होता है। विभिन्न धातुओं के बने भागों से स्कूटर, रेल, कार, जहाज की रचना होती है।

अभ्यास प्रश्न

  • निर्जीव किसे कहते हैं?
  • सजीवों के 10 लक्षण क्या है?
  • निर्जीव की विशेषताएँ बताइये