ऑगमेंटेड रियलिटी
संवर्धित वास्तविकता (ऑगमेंटेड रियलिटी) आभासी वास्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) का दूसरा रूप है, इस तकनीक में एक कंप्यूटर जनित वातावरण बनाया जा सकता है जो आपके आसपास के वातावरण से मेल खाता हो। ऑगमेंटेड रियलिटी वर्चुअल रियलिटी से काफी महंगा है। वर्चुअल रियलिटी में हम आँख पर लेंस लगाकर एक वर्चुअल दुनिया में चले जाते हैं जबकि संवर्धित वास्तविकता में हम अपनी दुनिया में रहते हैं और हमारे चारों ओर आभासी वस्तु का निर्माण होता है। आसान भाषा में समझें तो आपके आसपास के वातावरण के साथ एक और आभासी दुनिया को जोडकर एक वर्चुअल सीन तैयार किया जाता है, जो देखने में वास्तविक लगता है।
ऑगमेंटेड रियलिटी की कार्यप्रणाली
मोशन ट्रैकिंग
इसके लिए मोबाइल फोन में जायरोस्कोप का होना जरूरी है, जब आप अपने फोन का कैमरा चलाते हैं, तो कैमरे के साथ जायरोस्कोप भी चालू रहता है। जायरोस्कोप एक ऐसा सेंसर है जो सामान्यतः प्रत्येक फोन में होता है। यह जाइरोस्कोप आपके फोन की स्थिति को देखकर आपकी स्थिति को जानता है और आपका फोन कितनी डिग्री पर झुका हुआ है यह ऑगमेंटेड रियलिटी को मोशन ट्रैकिंग में मदद करता है।
लाइट एस्टिमेशन
आपके डिवाइस का सेंसर परिवेशी प्रकाश को मापता है। इसके साथ ही वह ऑगमेंटेड रियलिटी की आकृतियों की छाया भी बनाता है। यह ऑगमेंटेड रिएलिटी के लक्षणों को बिल्कुल असली जैसा दिखाता है।