तत्व
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सन 1661 में वैज्ञानिक राबर्ट बायल ने सर्वप्रथम तत्व शब्द का प्रयोग किया। उसके उपरांत फ़्रांस के रसायन शास्त्री एंटोनी लॉरेन्ट लवाइजिए ने सन 1743 - सन 1794 में सर्वप्रथम तत्व की परिभाषा को प्रयोग द्वारा प्रतिपादित किया। इनके अनुसार तत्व पदार्थ का वह मूल रूप है जिसे किसी भी प्रक्रिया द्वारा अन्य सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता।
पदार्थ के प्रकार
पदार्थ जिन्हे ठोस, द्रव, गैस तीन अवस्थाओं में विभाजित किया गया है ये दो प्रकार के होते हैं।
- शुद्ध पदार्थ
- तत्व
- यौगिक
- मिश्रण
- समांगी मिश्रण
- विषमांगी मिश्रण
तत्व एवं यौगिक में अंतर
शुद्ध पदार्थ तत्व या यौगिक हो सकते हैं। तत्व पदार्थ का मूल रूप होता है, जिसे रसायनिक क्रिया द्वारा सरल पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता है। योगिक वह पदार्थ है जो दो या दो से अधिक तत्वों के स्थिर अनुपात में रासायनिक रूप में संयोजन से निर्मित होता है। यौगिक के गुण उसमे निहित तत्वों के गुणों से भिन्न होते हैं, जबकि मिश्रण में उपस्थित तत्व और यौगिक अपने अपने गुणों को दर्शाते हैं।
तत्व
तत्व ये पदार्थ हैं जिन्हे सरल पदार्थों में विभक्त नहीं किया जा सकता।
उदाहरण - हाइड्रोजन, सिल्वर, आयरन आदि।
यौगिक
घटकों को केवल रासायनिक या वैधुत रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा ही पृथक किया जा सकता है।
उदाहरण - जल, मीथेन, लवण आदि।
तत्वों का वर्गीकरण
तत्वों को साधारणतया धातु, अधातु तथा उपधातु में वर्गीकृत किया जा सकता है।
धातुओं के गुण
- ये चमकीली होती हैं।
- ये विद्युत की सुचालक होती हैं।
- ये तन्य होती हैं।
- ये आघातवर्ध्य होती हैं।
- ये ध्वनि उत्पन्न करती हैं।
उदाहरण
आयरन, सिल्वर, गोल्ड, सोडियम।
अधातुओं के गुण
- ये विभन्न रंगो की होती हैं।
- ये विधुत की कुचालक होती हैं।
- ये चमकीली नहीं होती हैं।
- ये प्रतिध्वनिपूर्ण नहीं होती हैं।
उदाहरण
हाइड्रोजन गैस, नाइट्रोजन गैस, कार्बन, ब्रोमीन, क्लोरीन।