सूचक
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वे पदार्थ हैं जो अम्ल में अलग रंग और क्षार में अलग रंग देते हैं सूचक कहलाते हैं। अर्थात ph परिवर्तन करने पर यह अपना रंग परिवर्तन कर देते हैं। सूचक (इंडिकेटर) से तात्पर्य उस पदार्थ से है, जो अम्ल एवं क्षार की पहचान करने में काम आता है। सूचक वे पदार्थ होते हैं, जिनका उपयोग पदार्थ की अम्लीय या क्षारीय प्रकृति की पहचान करने में किया जाता है। सूचक पदार्थों को अम्लीय या क्षारीय पदार्थों के विलयन में मिला देने पर इनका रंग बदल जाता है।
उदाहरण
लिटमस पेपर, फेनॉल्फथेलिन, मेथिल ऑरेंज।
सूचक | अम्ल | क्षार |
---|---|---|
1. लाल लिटमस | लाल रहता है | नीला हो जाता है |
2. नीला लिटमस | लाल हो जाता है | नीला रहता है |
3. फेनॉल्फथेलिन | रंगहीन | गुलाबी |
4. मेथिल ऑरेंज | लाल | पीला |
घ्राण सूचक:
वे पदार्थ जिनकी गंध अम्लीय या क्षारकीय माध्यम में बदल जाती है, गंधक सूचक कहलाते हैं। उदाहरण के लिए, लौंग, वेनिला, प्याज।
प्राकृतिक सूचकः
वे पदार्थ हैं जो अम्ल में अलग रंग और क्षार में अलग रंग देते हैं प्राकृतिक सूचक कहलाते हैं।
हल्दी
यह प्राकृतिक रूप से पीले रंग का होता है जब यह क्षारीय विलयन के संपर्क में आता है तो यह लाल हो जाता है।
लिटमस पेपर
नीला लिटमस पेपर
- अम्लीय विलयन में लाल हो जाता है।
- क्षारकीय विलयन में रंग नहीं बदलता है।
- नमक के घोल में रंग नहीं बदलता है।
लाल लिटमस पेपर
- क्षारीय विलयन में नीला हो जाता है।
- अम्लीय विलयन में रंग नहीं बदलता है।
- नमक के घोल में रंग नहीं बदलता है।
सिंथेटिक सूचक:
मिथाइल ऑरेंज, फेनोल्फथेलिन
मिथाइल ऑरेंज
यह नारंगी रंग का होता है
यह एक अम्लीय विलयन में गहरे लाल नारंगी रंग में बदल जाता है।
यह क्षारीय या उदासीन विलयन में पीला हो जाता है।
यह उदासीन विलयन या नमक के घोल में पीला हो जाता है।
फेनोल्फथेलिन
यह रंगहीन विलयन है।
यह क्षारीय घोल में गुलाबी हो जाता है।
यह अम्लीय विलयन में रंग नहीं बदलता है।
यह उदासीन विलयन में रंग नहीं बदलता है।