अवक्षेपण अभिक्रियाएँ
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रासायनिक अभिक्रियाओं का एक महत्वपूर्ण प्रकार अवक्षेपण अभिक्रियाएँ हैं। इसमें दो अलग-अलग घुलनशील लवण (जो जलीय विलयन में होते हैं) मिलकर दो उत्पाद बनाते हैं। इनमें से एक उत्पाद विलयन में अघुलनशील होता है और बाहर अवक्षेपित हो जाता है (और इसलिए इसे 'अवक्षेप' कहा जाता है)।
अवक्षेपण अभिक्रिया
शब्द 'अवक्षेपण अभिक्रिया' को "एक जलीय विलयन में होने वाली एक रासायनिक अभिक्रिया के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जहां दो आयनिक बंध आपस में जुड़ते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक अघुलनशील लवण प्राप्त होता है"। अवक्षेपण अभिक्रियाओं में बनने वाले इन अघुलनशील लवणों को अवक्षेप कहते हैं। ये अभिक्रियाएँ तब भी होती हैं जब दो या दो से अधिक विभिन्न लवण संयुक्त होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप एक अघुलनशील लवण बनता है जो विलयन से निकाल लिया जाता है।
ऊपर दी गई अभिक्रिया एक अवक्षेपण अभिक्रिया है। उपरोक्त अभिक्रिया में AgCl लवण एक सफेद अवक्षेप बनाता है जो ठोस अवस्था में होता है। यह ठोस सिल्वर क्लोराइड जल में अघुलनशील है।
ऊपर दी गई अभिक्रिया एक अवक्षेपण अभिक्रिया है। उपरोक्त अभिक्रिया में Ca(OH)2 लवण एक सफेद अवक्षेप बनाता है जो ठोस अवस्था में होता है। यह ठोस Ca(OH)2 जल में अघुलनशील है।
अवक्षेपण अभिक्रिया की विशेषताएं
अवक्षेपण अभिक्रिया जलीय विलयन या जलीय माध्यम में अपनी आयनिक अवस्था में होती है।
उत्पाद बनाने वाले जलीय विलयन में उपस्थित आयनों के बीच अभिक्रिया होती है।
ये अभिक्रियाएँ तापमान, विलयन की सांद्रता, बफर विलयन आदि पर निर्भर करती हैं।