सीमान्त अभिकर्मक
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सीमान्त अभिकर्मक जब किसी रासायनिक अभिक्रिया में दो अभिकारक भाग लेते है और यदि इनमे से एक अभिकारक कम मात्रा में व दूसरा अभिकारक अधिक मात्रा में है, तो जो अभिकारक कम मात्रा में होता है वह पहले समाप्त होगा। अतः वह अभिकारक जो पहले ख़त्म हुआ वह अभिकारक उत्पाद के बनने की सीमा निर्धारित करता है अतः कम मात्रा वाले अभिकारक को सीमांत अभिकर्मक कहते है।
सीमित अभिकर्मकों को उन पदार्थों के रूप में परिभाषित किया जाता है जो किसी रासायनिक अभिक्रिया के पूर्ण होने पर स्वयं भी खत्म हो जाते हैं। उन्हें सीमित अभिकारक या सीमित एजेंट के रूप में भी जाना जाता है। रासायनिक अभिक्रियाओं की स्टोइकोमेट्री के अनुसार, अभिक्रिया को पूरा करने के लिए अभिकारकों की निश्चित मात्रा आवश्यक होती है।