संयोजकता कोश इलेक्ट्रॉन युग्म प्रतिकर्षण सिद्धांत
From Vidyalayawiki
Listen
लूइस अवधारणा अणुओं की आकृति की व्याख्या करने में असमर्थ है। सहसंयोजक आकृति वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत को समझने के लिए एक सरल कार्यविधि अपनाता है। यह विधि सर्वप्रथम सन में सिजविक तथा पॉवेल ने परमाणुओं के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रान युग्मों के बीच प्रतिकर्षण अन्योन्य क्रियाओं के आधार पर प्रतिपादित किया।
वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत की मूल अवधारणा
- अणु की आकृति, केंद्रीय परमाणु के आसपास उपस्थित संयोजीकोश इलेक्ट्रान युग्मों की संख्या पर निर्भर करती है।
- अणु की आकृति, केंद्रीय परमाणु के संयोजकता कोश में उपस्थित इलेक्ट्रान युग्म एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, क्योकी उनके इलेक्ट्रान पर ऋणात्म्क आवेश होता है।
- ये इलेक्ट्रान युग्म त्रिवं में कुछ इस प्रकार व्यवस्थित होते हैं जिससे उनमे प्रतिकर्षण कम से कम हो सके।
- संयोजकता कोश को एक गोले के रूप में जाना जाता है।
- यदि अणु को दो या अधिक अनुनाद संरचनाओं द्वारा दर्शया जा सके, तो इस स्थित में वी. एस. ई. पी. आर. सिद्धांत प्रत्येक अनुनादी संरचना पर लागू होता है।
वी. एस. ई. पी. आर. मॉडल की सहायता से अणुओं की ज्यामितीय आकृतियों का पर्वानुमान लगाने के लिए अणुओं को दो श्रेणियों में बांटा गया है: