डोबेराइनर के त्रिक
एक जर्मन वैज्ञानिक जोहान्न वुल्फगांग डॉबेराइनर ने सर्वप्रथम तत्वों को वर्गीकृत किया था। जो एक जर्मन वैज्ञानिक थे को जाता है , जोहान्न वुल्फगांग डॉबेराइनर ने सन 1817 में तीन-तीन तत्वों वाले कुछ समूहों की पहचान की उन तत्वों के गुण समान थे। उन्होनें तीन तीन तत्वों के समूहों को त्रिक कहा, जिसे डाबेराइनर के त्रिक के नाम से जाना जाता है।
डोबेराइनर का त्रिक नियम-डोबेराइनर ने एक समान गुणों वाले को तीन-तीन के समूहों में परमाणु भार के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित किया, जिन्हें डोबेराइनर त्रिक कहा जाता है। डोबेराइनर के अनुसार, बीच के तत्वों को परमाणु भार शेष दो तत्वों के परमाणु भारों का लगभग औसत है। इसे डोबेराइनर का त्रिक नियम कहते हैं। वुल्फगांग डॉबेराइनर ने बताया कि त्रिक के तीनों तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में रखते हैं, इन्हे बढ़ते क्रम में रखने पर बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का लगभग औसत होता है।
डोबेराइनर के त्रिक के नियम में कहा गया है कि त्रिक के मध्य तत्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का अंकगणितीय माध्य है।
उदाहरण
लिथियम, सोडियम और पोटेशियम के ट्रिक में। लिथियम का परमाणु द्रव्यमान 7 होता हैऔर पोटेशियम का परमाणु द्रव्यमान 39 होता है सोडियम लिथियम और पोटेशियम के बीच में उपस्थित होता है। लिथियम और पोटेशियम के द्रव्यमान का औसत सोडियम का परमाणु द्रव्यमान 2.3 है।
दोष
- डोबेराइनर का त्रिक नियम- सभी ज्ञात तत्वों को त्रिक के रूप में व्यवस्थित नहीं कर सके।
- बहुत कम या बहुत अधिक परमाणु भार वाले तत्वों के लिए यह नियम लागू नहीं होता।
- डोबेराइनर सिर्फ तीन तत्वों पर यह नियम लागू कर सके।
- उदाहरण: फ्लोरीन के परमाणु द्रव्यमान का अंकगणितीय माध्य 1.9 और ब्रोमीन का 8.0, जो आता है 4.9
अभ्यास प्रश्न
- डोबेराइनर के त्रिक के नियम से आप क्या समझते हैं?
- डोबेराइनर का त्रिक नियम की सीमायें क्या है?
- डोबेराइनर का त्रिक नियम किसके द्वारा दिया गया है ?