दहन

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दहन उस अभिक्रिया को संदर्भित करता है जहां कोई पदार्थ ऑक्सीजन की उपस्थिति में जलता है, इस अभिक्रिया में गर्मी और प्रकाश उत्पन्न होता है। आपने सुना होगा कि कुछ पदार्थ दहनशील होते हैं जबकि कुछ गैर-दहनशील होते हैं। ज्वलनशील पदार्थ केवल वे हैं जो इस प्रक्रिया से गुजरते हैं।

जब कोई पदार्थ जलने पर ऊष्मा या प्रकाश अथवा दोनों के रूप में ऊर्जा उत्पन्न करते हैं। इस जलने की क्रिया को दहन कहते हैं।

दहन ऊष्मा

निश्चित ताप व स्थिर दाब पर किसी यौगिक के 1 मोल की ऑक्सीजन के आधिक्य में पूर्ण दहन करने पर जो ऊर्जा का परिवर्तन होता है, उसे यौगिक की दहन ऊष्मा कहते है। इन अभिक्रियाओं में क्रमशः मेथेन के एक अणु व कार्बन के एक अणु का ऑक्सीजन के साथ पूर्ण दहन होता है। इन अभिक्रियाओं की एन्थैल्पी को दहन की एन्थैल्पी भी कहते है।

दहन पर अधिकांश कार्बन योगिक भी प्रचुर मात्रा में ऊष्मा एवं प्रकाश मुक्त करते हैं। निम्न- लिखित वे ऑक्सीकरण अभिक्रियाएं हैं:

 ऊष्मा
ऊष्मा
 ऊष्मा

दहन के प्रकार

दहन मुख्यतः तीन प्रकार का होता है:

  • तीव्र दहन
  • स्वतः दहन
  • विस्फोट

तीव्र दहन

LPG का जलना तीव्र दहन का उदाहरण है।

स्वतः दहन

श्वेत फॉस्फोरस कमरे के तापमान पर स्वयं ही जलने लगता है।

विस्फोट

पटाखे से ऊष्मा, प्रकाश व ध्वनि पैदा करना विस्फोट कहलाता है।

दहन ऊष्मा के उपयोग

  • ईधन का कैलोरी मान ज्ञात करने में।
  • यौगिकों की सम्भवन ऊष्मा निर्धारण करने में।
  • यौगिकों में संरचना निर्धारण करने में।
  • भोजन के कैलोरी मूल्य के परिकलन में।