एन्ट्रापी एवं स्वतः प्रवर्तिता
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किसी निकाय की एन्ट्रॉपी उसकी ऐंठाल्प्य के सदृश उसका एक अभिलाक्षणिक ऊष्मागतिक गुण है। एन्ट्रॉपी निकाय का एक अवस्था फलन है। यदि कोई निकाय प्रारंभिक अवस्था A से अंतिम अवस्था B में परिवर्तित होता है तो उसकी एन्ट्रॉपी में परिवर्तन
△S = S - S