ब्रॉन्स्टेड लोरी अम्ल एवं क्षार

From Vidyalayawiki

Revision as of 11:58, 28 August 2023 by Shikha (talk | contribs)

Listen

ब्रॉन्स्टेड लोरी द्वारा प्रस्तुत अम्ल- क्षार सिद्धांत के अनुसार अम्ल वे पदार्थ हैं जिनमे प्रोटॉन देने की प्रवर्त्ति होती हैं, तथा क्षार वे पदार्थ हैं जिनमे प्रोटॉन ग्रहण करने की प्रवर्त्ति होती हैं।

अम्ल

हाइड्रोनियम आयन

अम्ल मे प्रोटॉन देने की प्रवर्त्ति होने के कारण इन्हे प्रोटॉन दाता कहते हैं और क्षार प्रोटॉन स्वीकार करता है, इसलिए उसे प्रोटॉन ग्राही कहा जाता है।

अम्ल के उदाहरण

HCl, H2SO4, HNO3

क्षार के उदाहरण

NaOH, NH4OH, KOH

संयुग्मी अम्ल - क्षारक युगल  

किसी अम्ल में से एक प्रोटॉन निकल जाने पर जो भाग शेष बचता है उसे उस अम्ल का संयुग्मी क्षारक कहते हैं, तथा किसी क्षारक में एक प्रोटॉन जुड़ जाने पर जो अम्ल प्राप्त होता है उसे उस क्षारक का संयुग्मी अम्ल कहते हैं।  

प्रत्येक अम्ल का एक संयुग्मी क्षारक तथा प्रत्येक क्षारक का एक संयुग्मी अम्ल होता है। अम्ल अपने संयुग्मी क्षारक को प्रोटॉन नहीं देता है। अधिक प्रबल अम्ल का संयुग्मी क्षारक अधिक दुर्बल होता है। अधिक प्रबल अम्ल अधिक आसानी से प्रोटॉन देता है, तथा दुर्बल अम्ल आसानी से प्रोटॉन नहीं देता है।