AP का nवाँ पद

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आइए , हम जानते हैं कि अर्थमैटिक प्रोग्रेशन (AP) अर्थात समांतर श्रेढ़ी का क्या अभिप्राय होता है ? संख्याओं का एक क्रम या श्रृंखला , जिसमें दो क्रमागत संख्याओं के बीच का सार्व अंतर स्थिर रहता है , ऐसी क्रम या श्रृंखला को हम समांतर श्रेढ़ी कहते हैं ।

उदाहरण


उपर्युक्त उदाहरणों मे प्रत्येक अगला पद पूर्ववर्ती पद में एक निश्चित संख्या जोड़कर प्राप्त किया गया है । इस निश्चित संख्या को हम सार्व अंतर कहते हैं । यह धनात्मक ऋणात्मक और शून्य भी हो सकती है । अतः , ये सभी उदाहरण समांतर श्रेढ़ीयो का उदाहरण है ।

समांतर श्रेढ़ी का सामान्यीकृत रूप

समांतर श्रेढ़ी का सामान्यीकृत रूप निम्न रूप में प्रदर्शित किया जा सकता है ।

जहां प्रथम पद तथा सार्व अंतर है ।

समांतर श्रेढ़ी के पद का सूत्र

मान लीजिए एक समांतर श्रेढ़ी है, जिसका पहला पद तथा सार्व अंतर है ।

तब , दूसरा पद

तीसरा पद


चौथा पद a4 = ए3 + डी = (ए + 2डी) + डी = ए + 3डी = ए + (4 - 1) डी

इसे ज्ञात करने के लिए हम सार्व अंतर को से गुणा करेंगे और फिर पहले पद अर्थात में जोड़ेंगे ।

यहाँ, = पद

पहला पद

पदों की संख्या

सार्व अंतर

उदाहरण 1

1) समान्तर श्रेढ़ी का पद ज्ञात कीजिये।

हल

पहला पद

सार्व अंतर

पदों की संख्या     

पद

पद के सूत्र द्वारा ,   

मान रखने पर ,

अर्थात , दी गई समान्तर श्रेढ़ी का पद है।                                

उदाहरण 2

समान्तर श्रेढ़ी का कौन सा पद है?

हल

प्रथम पद

सार्व अंतर

पद

पदों की संख्या

सूत्र , 

मान रखने पर ,

अर्थात, दी गई समांतर श्रेढ़ी में कुल पद हैं ।

अभ्यास प्रश्न

1. समांतर श्रेढ़ी का दसवां पद क्या होगा ?

2. समांतर श्रेढ़ी का कौन सा पद होगा ?