पूर्णांक

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पूर्णांक पूर्ण संख्याओं और प्राकृतिक संख्याओं के ऋणात्मक मानों का संग्रह हैं । पूर्णांकों में भिन्न संख्याएँ शामिल नहीं होती हैं अर्थात उन्हें रूप में नहीं लिखा जा सकता है । पूर्णांकों की सीमा ऋणात्मक सिरे पर से लेकर धनात्मक सिरे पर तक होती है, जिसमें शून्य भी शामिल है। पूर्णांकों को प्रतीक द्वारा दर्शाया जाता है ।

उदाहरण : आदि सभी पूर्णांकों के उदाहरण हैं ।

पूर्णांक के प्रकार

पूर्णांकों को तीन प्रकार में विभाजित किया जा सकता है । पूर्णांकों के ये तीन प्रकार हैं: धनात्मक पूर्णांक, ऋणात्मक पूर्णांक तथा शून्य ।

  1. धनात्मक पूर्णांक : ऐसी पूर्णांक संख्याएं , जो धनात्मक हैं , धनात्मक पूर्णांक संख्याएं कहलाती हैं । एक पूर्णांक संख्यां जिसके आगे कोई चिन्ह (धनात्मक या ऋणात्मक) नहीं लगा हो, धनात्मक पूर्णांक हैं। उदाहरण : आदि सभी धनात्मक पूर्णांक के उदाहरण हैं ।
  2. ऋणात्मक पूर्णांक : ऐसी पूर्णांक संख्याएं जिनके पूर्व ऋणात्मक चिन्ह लगा हो , ऋणात्मक पूर्णांक संख्याएं कहलाती हैं । उदाहरण : आदि ऋणात्मक पूर्णांक के उदाहरण हैं ।
  3. शून्य  : शून्य एक पूर्णांक है, परंतु शून्य न तो धनात्मक है और न ही ऋणात्मक होता है ।

पूर्णाकों का गुणा

  1. दो असमान चिन्ह वाले पूर्णांकों का गुणनफल निकालने के लिए , हम सर्वप्रथम बिना उनके चिन्हों को ध्यान में रखे साधारण तरीके से गुणनफल निकालते है , फिर गुणनफल में ऋणात्मक चिन्ह लगाते है , अर्थात दो असमान चिन्ह वाले पूर्णांकों का गुणनफल हमेशा ऋणात्मक होता है ।
  2. दो समान चिन्ह वाले पूर्णांको का गुणनफल निकालने के लिए , हम सर्वप्रथम बिना उनके चिन्हों ध्यान में रखे साधारण तरीके से गुणनफल निकालते है , फिर गुणनफल में धनात्मक चिन्ह लगाते है , अर्थात दो समान चिन्ह वाले पूर्णांकों का गुणनफल हमेशा धनात्मक होता है ।

संक्षेप में दो पूर्णांकों के गुणनफल का नियम