एल्केन के रासायनिक गुण
एल्केन कार्बन कार्बन एकल आबंध युक्त संतृप्त विवृत श्रंखला वाले हाइड्रोकार्बन हैं।
एल्केन का सामान्य सूत्र
एल्केन का सामान्य CnH2n+2 सूत्र है, जहां n एक पूर्णांक है।
यदि n = 1 तो
C1H21+2
CH4
एल्केन परिवार का प्रथम मुख्य सदस्य मेथेन है। मेथेन एक गैस है, जो कोयले की खानों एवं दलदली स्थानों पर पाया जाता है।
एल्केन का संकरण
एल्केन में sp3 संकरण होता है।
एथेन दूसरा सदस्य है। यह हाइड्रोकार्बन सामान्य अवस्था में निष्क्रिय होते हैं। क्योकी यह अम्ल और क्षार दोनों के साथ अभिक्रिया नहीं करते हैं। अतः इन्हे पैराफिन भी कहा जाता है।
हैलोजनीकरण
एल्केन में सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में हाइड्रोजन के स्थान पर हैलोजन समूह लाना हैलोजनीकरण कहलाता है।
दहन
एल्केन में वायु तथा डाइऑक्सीजन की उपस्थित में गर्म करने पर पूर्णतः ऑक्सीकृत करने पर कार्बन डाइऑक्साइड और जल बनाते हैं और बहुत अधिक मात्रा में ऊष्मा निकलती है।
-△cH- = - 890 k jmol-1
नियंत्रित ऑक्सीकरण
वायु की उपस्थित तथा उच्च दाब पर उपयुक्त उत्प्रेरक की उपस्थित में एल्केन को गर्म करने पर ऑक्सीकारक उत्पाद प्राप्त होता है।
भाप के साथ अभिक्रिया
मेथेन की भाप के साथ निकिल उत्प्रेरक की उपस्थित में गर्म करने पर कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है।
ताप के साथ अभिक्रिया
उच्च एल्केन उच्च ताप पर गर्म करने पर एल्केनों या अल्कीनों में अपघटित हो जाता है।