प्रकाश विद्युत् प्रभाव
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Photo Electric Effect
प्रकाश विद्युत् प्रभाव,उस साक्ष्य को परिष्कृत करने वाली ,एक महत्वपूर्ण एवं आकर्षक घटना है, जो हमें प्रकाश की दोहरी प्रकृति को समझने में मदद करती है।इस घटनाक्रम में प्रकाश ,तरंग और फोटॉन नामक कणों, दोनों के रूप में व्यवहार करता है।
फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव
फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव तब होता है जब प्रकाश, आमतौर पर फोटॉन के रूप में, किसी सामग्री की सतह से टकराता है और उस सतह से इलेक्ट्रॉनों के उत्सर्जन का कारण बनता है। आइए देखें कि यह कैसे काम करता है।
मुख्य बिन्दु
प्रकाश स्रोत
प्रकाश का एक स्रोत जो फोटॉन उत्सर्जित करता है। यह, उदाहरण के लिए, सूर्य के प्रकाश की किरण, पराबैंगनी (यूवी) प्रकाश, या विद्युत चुम्बकीय विकिरण का कोई अन्य रूप हो सकता है।
धातु की सतह
एक धातु की सतह, जैसे धातु की प्लेट या इलेक्ट्रोड, जहां फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव होता है।
प्रक्रिया
जब प्रकाश स्रोत से फोटॉन धातु की सतह से टकराते हैं, तो कई चीजें हो सकती हैं:
1. अवशोषण: कुछ फोटॉन धातु में इलेक्ट्रॉनों द्वारा अवशोषित होते हैं, जिससे उनकी ऊर्जा इलेक्ट्रॉनों में स्थानांतरित हो जाती है।
2. उत्सर्जन: यदि अवशोषित ऊर्जा पर्याप्त है, तो यह धातु की सतह से इलेक्ट्रॉनों को मुक्त कर सकती है। इन उत्सर्जित इलेक्ट्रॉनों को फोटोइलेक्ट्रॉन के रूप में जाना जाता है।
गणितीय समीकरण
फोटोइलेक्ट्रिक प्रभाव का वर्णन करने वाला मुख्य समीकरण है: