ऊध्र्वपातक

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उर्ध्वपातन तब होता है जब कोई पदार्थ ठोस से गैस में परिवर्तित होने के लिए पर्याप्त ऊष्मा ऊर्जा को अवशोषित करता है। यह सामान्यतः ताप और दाब पर होता है जहां पदार्थ का वाष्प दाब वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है। जब पदार्थ को गर्म किया जाता है तो वह बीच में तरल बने बिना ठोस से गैस में बदल जाता है।

उदाहरण

ऊर्ध्वपातन सामान्यतः विभिन्न पदार्थों में देखा जाता है। कुछ सामान्य उदाहरणों में सम्मिलित हैं:

  • सूखी बर्फ (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) लगभग -78.5°C पर उर्ध्वपातित होती है और प्रायः विशेष प्रभावों और शीतलन के लिए उपयोग की जाती है।
  • आयोडीन क्रिस्टल कमरे के तापमान पर उर्ध्वपातित हो जाते हैं।
  • नेफ़थलीन (मोथबॉल में प्रयुक्त) कमरे के तापमान पर धीरे-धीरे उर्ध्वपातित होता है।

अनुप्रयोग: उर्ध्वपातन के कई व्यावहारिक अनुप्रयोग हैं, जैसे:

उर्ध्वपातन मुद्रण:

यह एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग कस्टम डिज़ाइन के लिए कपड़ों और सामग्रियों पर रंगों को स्थानांतरित करने के लिए किया जाता है, जैसे टी-शर्ट और मग पर मुद्रण।